पार्लियामेंटPosted at: Jul 22 2019 6:36PM मानवाधिकार आयोग में महिला सदस्य के शामिल करने का स्वागतनयी दिल्ली 22 जुलाई (वार्ता) राज्यसभा में विपक्ष ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक महिला सदस्य को शामिल करने के प्रस्ताव का स्वागत किया जबकि सदस्यों की पुनर्नियुक्त करनेे के प्रावधान का विरोध किया । कांग्रेस के विवेक तन्खा ने मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान कहा कि इस विधेयक में कई विसंगतियां है । हालांकि इसमें महिला सदस्य के शामिल करने के प्रस्ताव का स्वागतयोग्य है। समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने कहा कि विधेयक में दो ऐसे संशोधन किये गये हैं जिससे मानवाधिकार आयोग कमजोर होगा । उन्होंने कहा कि सदस्यों के दूसरी बार नियुक्त किये जाने के प्रावधान के कारण यह सरकार के खिलाफ रिपोर्ट नहीं देगा । उन्होंने आयोग के सदस्यों का कार्यकाल पांच साल से घटाकर तीन साल करने पर भी आपत्ति व्यक्त की । बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने श्री यादव के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि सदस्यों को फिर से नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए । जनता दल (यू) के राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने विधेयक का समर्थन किया । इससे पहले सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने कहा कि विधेयक पर संशोधन का प्रस्ताव देने की प्रक्रिया है और इसके लिए छुट्टी के दिनों को छोड़कर दो दिन का समय देने का प्रावधान है । विशेष परिस्थितियों में सभापति इसमें बदलाव भी कर सकते हैं । उन्होंने सदस्यों को संशोधन देने के लिए कल तक का समय देने का सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को बहुमत हैं वह विधेयक पारित करा सकती है । बाद में सभापति ने कहा कि इस विधेयक पर संशोधन देने के लिए आज तक का समय दिया गया था । कुछ सदस्यों ने संशोधन भी दिया है । बाद में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया । अरुण सत्याजारी वार्ता