राज्यPosted at: Sep 19 2018 7:44PM मासूम से दुष्कर्म मामले में आरोपी को फांसी की सजा
सतना, 19 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के सतना जिले के परसमनिया में चार साल की मासूम से दुष्कर्म के बहुचर्चित मामले में आरोपी को अदालत ने आज फांसी की सजा सुनाई है। अदालत में मामला आने के 47 दिन में यह सजा सुना दी गई।
नागौद के प्रथम अपर सत्र न्यायालय दिनेश कुमार शर्मा ने सुबह कोर्ट खुलते ही आरोपी महेंद्र सिंह गौड़ को फांसी की सजा का फैसला सुनाया। इस प्रकरण की अंतिम बहस मंगलवार को पूरी हो गई थी और न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा था। जिसके चलते आज कोर्ट में सुबह से ही गहमा-गहमी का माहौल था।
अभियोजन के मुताबिक सतना जिले के उचेहरा थाना अंतर्गत परसमनिया में 1 जुलाई की रात चार साल की मासूम को घर से अगवा कर दुष्कर्म करने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। इसमें गांव के एक शिक्षक पन्ना टोला निवासी महेंद्र सिंह गौड़ को आरोपी बनाया गया था।
मासूम बच्ची 1-2 जुलाई की दरमियानी रात अपने पिता के साथ चारपाई में लेटी थी। मध्य रात्रि पिता शौच के लिए बाहर चला गया, उस दौरान आरोपी ने बच्ची को अगवा किया और उसे तालाब किनारे ले जाकर उसके साथ दुष्कृत्य कर फरार हो गया। पिता जब वापस आया तो बच्ची को न पाकर तलाश शुरू की गई। इस घटना के कुछ घंटे पहले आरोपी इस बच्ची के घर आया था। लिहाजा उसके ऊपर संदेह होने पर पूछताछ के लिए परिवार और गांव के लोग उसके घर गए लेकिन वह नहीं मिला। तब उसके ऊपर संदेह गहरा हो गया। तलाश के दौरान मासूम बच्ची तालाब के पास बेसुध हालत में मिली। उसे तत्काल उचेहरा थाने ले जाया गया। बच्ची की मां ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
मासूम बालिका को इलाज के लिए जिला अस्पताल सतना में भर्ती किया गया था। जबलपुर मेडिकल काॅलेज से आई टीम की सलाह के बाद उसे एयर एम्बुलेंस के जरिये दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। एम्स में 79 दिन से भर्ती मासूम की हालत अब भी खराब है और इलाज जारी है।
पुलिस ने 34 दिन की विवेचना के बाद मामला न्यायालय में पेश किया था। यह इस क्षेत्र में पहला ऐसा मामला था जिसमें फरियादी पक्ष के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लिए गए थे। मामला 3 अगस्त को कोर्ट में विचारण के लिए प्रस्तुत किया गया था।
न्यायालय ने आरोपी को फांसी के साथ पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा भी सुनाई है।
मध्यप्रदेश में पिछले करीब तीन महीनों में मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर अाधा दर्जन से ज्यादा मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।