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मथुरा एवं आगरा के प्राचीन कुण्डों को गंगा नदी के जल से भरने के निर्देश

लखनऊ 14 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मथुरा एवं आगरा में प्रचीनकाल से स्थापित कुण्डों एवं पोखरों को साफ-सफाई करके स्वच्छ एवं पेयजल के लिए गंगा नदी से पानी आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ।
राज्य के सिंचाई एवं सिंचाई (यांत्रिक) मंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को यहां बुलाई गई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए ।
श्री सिंह ले ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ आगरा एवं मथुरा के पवित्र धार्मिक स्थलों पर स्थापित कुण्डों में स्वच्छ, साफ एवं पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता की कार्य योजना पर विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की। ऊर्जा मंत्री ने श्री शर्मा को अवगत कराया कि गंगा नदी द्वारा आने वाला पानी की बहुत बड़ी मात्रा हरियाणा में जाकर खराब हो जाता है तथा आगरा कैनाल में कुलाबों द्वारा अवैध कटिंग से पानी बर्बाद किया जाता है।
ऊर्जा मंत्री ने सिंचाई मंत्री को सुझाव दिया कि विभाग द्वारा ऐसी कार्य योजना बनाई जाए, जिससे आगरा कैनाल में आने वाला गंगा नदी का अधिक से अधिक से पानी आगरा एवं मथुरा के पर्यटन स्थलों पर सप्लाई किया जा सके। उन्होंने कहा कि जनहित एवं सांस्कति धरोहरों को बचाए रखने के लिए आवश्यक है कि कुण्डों एवं पोखरों में साफ एवं स्वच्छ पानी भरा जाएं। ऊर्जा मंत्री ने सिंचाई मंत्री से मथुरा के खतौली में बन्द पड़े प्रोजेक्ट को पुनः प्रारम्भ करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को देने के लिए कहा। उन्होंने सिंचाई मंत्री को अवगत कराया कि यह सिंचाई विभाग का बड़ा प्रोजेक्ट है। किसानों एवं जनहित के लिए चलाया जाना आवश्यक है।
सिंचाई मंत्री ने ऊर्जा मंत्री को आश्वस्त किया कि प्रत्येक दशा में आपके द्वारा दिए गए सुझाव को सिंचाई विभाग द्वारा पालन किया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तत्काल खतौली प्रोजेक्ट की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तत्काल प्रोजेक्ट से संबंधित सभी आवश्यकताओं को पूरा करके इस पर काम शुरु कर दिया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा जाकर खराब होने वाले पानी को रोकाया जाएगा।
श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि तत्काल केन्द्र एवं हरियाणा सरकार से समन्व स्थापित कर अवैध तरीके से सप्लाई होने वाले पानी को रोककर सिंचाई एवं पेयजल के रुप में उपयोगिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यदि कही भी कोई अधिकारी इस काम में लापरवाही दिखाएगा तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस मौके पर विभाग के प्रमुख सचिव टी. वेंकटेश ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा द्वारा दिये गये सुझावों का पालन किया जायेगा तथा शीघ्र ही खतौली प्रोजेक्ट का निरीक्षण कर जरूरी आवश्यकताओं को पूर्ण कर प्रारम्भ कर दिया जायेगा। उन्होंने प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि तत्काल मौके पर जाकर निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार डीपीआर प्रस्तुत करें।
त्यागी
वार्ता
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