राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 22 2019 7:01PM ममता ने एक्जिट पोल को नकारा, सभी की निगाहें पश्चिम बंगाल पर
कोलकाता,22 मई(वार्ता) पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों का परिणाम कल आ जाएगा और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से एक्जिट पोल्स को खारिज किए जाने के बाद सबकी निगाहें चुनाव परिणामों पर हैं जहां 466 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कल हो जाएगा।
मतगणना गुरूवार को सुबह शुरू होगी। पिछली बार 2014 में राज्य में मात्र दो लोकसभा सीटों पर विजय हाेने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इन एक्जिट पोल में जोरदार बढ़त दिखाई गई है।
तृणमूल कांगेस के सूत्रों ने चुनाव नतीजों से पहले एक्जिट पोल को लेकर चिंता जतायी है।
अधिकतर एक्जिट पोल्स में भाजपा को जोेरदार बढ़त दिखाई गई है लेकिन सुश्री बनर्जी ने इन नतीजों को फर्जी बताकर कहा है कि पार्टी सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी।
पार्टी से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा कि स्थिति वाकई गंभीर है लेकिन पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट में पार्टी का प्रदर्शन ठीक ही बताया गया है और यह उतना बुरा नहीं है जितना उन एक्जिट पोल्स में बताया गया है।
एबीपी के एक्जिट पोल्स में भाजपा को 16, तृणमूल को 24 , कांग्रेस और अन्य को दो तथा वाम दलों को एक भी सीट नहीं मिलने की बात कही गई है।
इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया के एक्जिट पोल्स में तृणमूल के लिए 19 से 22 सीटें और भाजपा के लिए 19 से 23 सीटें मिलने की बात कही गई है।
बंगाल को इस नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यहां की कम से कम 22 सीटें जीतने के लिए भाजपा ने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ी और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने भी राज्य की सभी लोकसभा सीटें जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन चुनावों में उनके लिए न केवल अपना गढ़ बचाना बल्कि गठबंधन दलाें में भी एक अहम निर्णायक की भूमिका अदा करना है।
सुश्री बनर्जी ने इन एक्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा था“ मैं इन एक्जिट पोल बयानबाजी में विश्वास नहीं करती हूं और इसकी आड़ में हजारों ईवीएम को बदले जाने की योजना है। मैं सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट और मजबूत होने की अपील करती हूं और हम सब मिलकर इस लडाई को लडेंगे।”
इस बीच रविवार को समाप्त हुए लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के बाद सभी दलों के प्रत्याशियों को काफी तनावमुक्त देखा जा रहा है क्योंकि पिछले ढाई महीनों से उम्मीदवार और उनके परिजन चुनाव प्रचार में काफी व्यस्त थे।
जितेन्द्र टंडन
वार्ता