पंचकूला, 18 फरवरी(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि महापुरुषों की जयंती शैक्षणिक और अन्य संस्थानों में उनके जीवन और शिक्षाओं पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके मनाई जानी चाहिए ताकि लोगों को उनसे प्रेरणा मिले और यही उन हस्तियों को सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है।
श्री खट्टर ने आज यहां विधायकों के साथ तीन-दिवसीय पूर्व-बजट परामर्श बैठक 2020-21 के दूसरे दिन स्वामी दयानंद सरस्वती जी की 197वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के अलावा राज्य के मंत्री और विधायक भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने धर्म, शिक्षा, आध्यात्मिकता और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में कई पहल कीं। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर जैसे कई अन्य महापुरुषों ने भी विभिन्न अवसरों पर अपने भाषणों में लोगों के बीच स्वतंत्रता की लौ जगाने में उनके योगदान को स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि महापुरुषों का हमारे समाज में एक विशेष महत्व है और समय-समय पर उनकी जयंती मनाई जाती हैं ताकि युवा पीढ़ी उनके जीवन से प्रेरणा ले सके। इसी श्रृंखला में, राज्य सरकार भी महापुरुषों की जयंती को उचित रूप से मनाने के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें गुरु रविदास जयंती, महर्षि वाल्मीकि जयंती, कबीर जयंती, गुरु नानक देव जी और दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव प्रमुख हैं। उन्होंने विभिन्न समुदायों से अपील की कि वे महापुरूषों की जयंती को उस दिन उनके जीवन और शिक्षाओं पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाएं।
अपने स्वागत भाषण में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर ने स्वामी दयानंद सरस्वती जी के उच्च मूल्यों और शिक्षाओं को स्मरण करने उपरांत, विधायकों के साथ बजट-पूर्व परामर्श बैठक 2020-21 के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने राजनीतिक और सामाजिक रूप से देश को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रमेश1810वार्ता