नयी दिल्ली 04 दिसंबर (वार्ता) केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सोमवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बैठक अबू धाबी अंतरिक्ष बहस में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाने वाले आधिकारिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
डॉ. सिंह इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग के साथ भारत की ओर से उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे।
वह संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मामलों के मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इज़राइल के उन्नत प्रौद्योगिकियों के मंत्री के साथ ‘अंतरिक्ष कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सक्षम करने में विदेश नीति की भूमिका’ पर मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लेंगे।
मंत्री का द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों तथा साधनों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित करने का भी कार्यक्रम है।
अबू धाबी के लिए रवाना होने से पहले जारी एक बयान में डॉ. सिंह ने कहा,“भारत और संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अंतरिक्ष सहयोग अरब प्रायद्वीप में एक बड़ी छलांग लगाने की कगार पर है, क्योंकि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग में वृद्धि को प्राथमिकता दी है।” उन्होंने कहा,“भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी (यूएईएसए) ने 2016 में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।”
उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त अरब अमीरात का पहला नैनोसैटेलाइट - ‘नायिफ-1’ जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय अंतरिक्ष डेटा एकत्र करना है, को पीएसएलवी द्वारा सिरिहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।
यूएई इस क्षेत्र में एक उभरती हुई अंतरिक्ष शक्ति है और इसने अपनी अंतरिक्ष यात्रा के पिछले 25 वर्षों में तेजी से प्रगति की है।
जुलाई 2020 में, यूएई ने होप प्रोब नाम से अपना मंगल मिशन लॉन्च किया, जिसने फरवरी 2021 में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया। इसने यूएई को यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला अरब देश और दुनिया का छठा देश बना दिया।
यूएई शीघ्र ही रशीद रोवर या अमीरात लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
सितंबर 2019 में, हंजला अल मंसूरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने जब वह कजाकिस्तान से एक रूसी अंतरिक्ष यान के माध्यम से आठ दिनों के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए।
इस वर्ष, संयुक्त अरब अमीरात के एक और अंतरिक्ष यात्री को छह महीने की अवधि के लिए नासा के क्रू रोटेशन फ्लाइट, स्पेसएक्स क्रू-6 पर आईएसएस की यात्रा के लिए चुना गया था।
डॉ सिंह ने कहा,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरिक्ष सुधारों ने कई नए विचार खोले हैं और पिछले महीने ही भारत ने अपना पहला निजी रॉकेट लॉन्च करके भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई शुरुआत की है।” उन्होंने कहा कि सुधारों ने स्टार्टअप्स की नवोन्मेषी संभावनाओं को भी उजागर किया है और तीन-चार साल पहले कुछ ही समय के भीतर, अंतरिक्ष मलबे के प्रबंधन के अत्याधुनिक क्षेत्रों में काम करने वाले 105 स्टार्टअप हैं।
यूएई की उन्नत प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और यूएई अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष सारा अल अमीरी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान डॉ. सिंह उन्नत और उभरती अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में भारत और यूएई के बीच संयुक्त स्टार्टअप उद्यमों के लिए भी पहल कर सकते हैं।
अंतरिक्ष क्षेत्र में दोनों देशों की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में सहयोग द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक नया आयाम होगा।
डॉ सिंह ने रेखांकित किया कि श्री मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद के नेतृत्व में सदियों पुराने घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों ने तीव्र गति प्राप्त की है क्योंकि दोनों देशों के संबंध 2017 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ा था।
दोनों देशों ने इस साल की शुरुआत में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए और वे अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 72 अरब अमेरिकी डॉलर से 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने की इच्छा रखते हैं।
संजय अशोक
वार्ता