नयी दिल्ली, 24 अगस्त (वार्ता) उच्चतम न्यायालय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कश्मीरी नेता मोहम्मद युसुफ़ तारीगामी को सामने लाये जाने संबंधी पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी की ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ याचिका पर 26 अगस्त को सुनवाई करेगा।
श्री येचुरी के वकील शादां फरासत ने कल न्यायमूर्ति एन वी रमन और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। श्री फरासत ने मामले की त्वरित सुनवाई का अदालत से अनुरोध किया। इसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई 26 अगस्त को रोस्टर के अनुरूप सूचीबद्ध करने की अनुमति दी।
न्यायमूर्ति रमन ने कहा, “मामले को रोस्टर के अनुरूप उचित पीठ के समक्ष 26 अगस्त को सूचीबद्ध किया जाये।”
श्री येचुरी पिछले दिनों श्री तारीगामी से मिलने के लिए कश्मीर गये थे, लेकिन उन्हें हवाईअड्डे से ही वापस लौटा दिया गया था, जबकि उन्होंने एक दिन पहले ही राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि वह अपनी पार्टी के बीमार नेता श्री तारीगामी को देखने कश्मीर आ रहे हैं। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाये कि वह उनसे मिल सकें और प्रशासन बाधा न पहुंचाये, लेकिन प्रशासन ने उन्हें हवाईअड्डे से बाहर नहीं जाने दिया और उन्हें वापस दिल्ली लौटना पड़ा।
श्री येचुरी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में संचार व्यवस्था ठप किये जाने और कर्फ्यू लगाये जाने तथा नेताओं को जेल में बन्द किये जाने से स्थिति विस्फोटक हो गई है, इसलिए उन सभी नेताओं को रिहा किया जाये। श्री तारीगामी माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य हैं और भंग विधनसभा में चार बार विधायक रह चुके हैं।
सुरेश आशा
वार्ता