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यूटीसी को जल्द 40 करोड़ देगी सरकार

नैनीताल, 19 अप्रैल (वार्ता) खराब माली हालत के कगार पर पहुंच चुके उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) के कर्मचारियों के बकाया वेतन का मामला नहीं सुलझ पा रहा है। निगम सरकार के ऊपर ही पूरा ठीकरा फोड़ देना चाहता है जबकि सरकार इस मामले में फूंक फूंक कर कदम बढ़ा रही है।
अब सरकार ने निर्णय लिया है कि कर्मचारियों के वेतन उपलब्ध कराने के लिये वह जल्द ही 40 करोड़ की धनराशि यूटीसी को उपलब्ध करायेगी। इसमें से 20 लाख रुपये का कम व्याज वाला ऋण और लगभग 2.23 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जायेंगे।
सरकार की ओर से यह जानकारी सोमवार को उच्च न्यायालय में दी गयी। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रदेश के वित्त सचिव और परिवहन सचिव की उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है और तीन सप्ताह के अंदर इस धनराशि अवमुक्त कर दी जायेगी।
मुख्य न्यायाधीश आर एस चैहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि यूटीसी की ओर से 80 करोड़ रुपये की जो मांग की गयी है वह उसमें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ही वेतन शामिल नहीं है बल्कि उसमें सभी अधिकारी तथा कर्मचारी शामिल हैं।
इसके बाद अदालत ने इसे गंभीरता से लिया और यूटीसी से सिर्फ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन पर होने वाले खर्च को लेकर आगामी 26 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने यूटीसी के संदर्भ में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि वर्तमान में जो हालात हैं, ऐसे में देश एक बार फिर लाॅकडाऊन के मुहाने पर खड़ा है।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से वर्ष 2019 में एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि निगम की माली हालत बेहद खराब है। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते निगम की स्थिति और बदतर हो गयी है। कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हुए हैं।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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