राज्य » अन्य राज्यPosted at: Nov 20 2018 6:59PM यौन शोषण मामले में उच्च न्यायालय ने संस्थान से मांगी रिपोर्टनैनीताल, 20 नवम्बर(वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अबोध एवं अशक्त बच्चों के यौन शोषण को लेकर प्रकाश में आये देहरादून के राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) से बृहस्पतिवार तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने संस्थान से कहा है कि उसने संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति के संबंध में क्या कदम उठाये हैं, 22 नवंबर तक कोर्ट को बतायें। न्यायमित्र अधिवक्ता ललित बेलवाल ने बताया कि कोर्ट ने संस्थान से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी कोर्ट में पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 22 नवम्बर को होगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की युगलपीठ में आज इस मामले में सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि अगस्त महीने में संस्थान में अबोध बच्चों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था। कोर्ट ने समाचार पत्रों में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह तीन सप्ताह के अंदर संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति करे। साथ ही कोर्ट को गुमराह करने के मामले में संस्थान के सहायक प्रोफेसर सुरेन्द्र धालवाल के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने के लिये भी रजिस्ट्री को निर्देश जारी किया था।इसके साथ ही कोर्ट ने संस्थान के शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के रवैये पर भी सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि अशक्त बच्चों के साथ यौन शोषण की घटना अध्यापक समुदाय पर काला धब्बा है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसी भी सभ्य समाज में बच्चों के साथ यौन शोषण की घटना को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति नहीं करने और कोर्ट को सही जानकारी न देने के मामले में भी सख्त रूख अख्तियार किया था। सं, नीरज वार्ता