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बिजनेस


यूपी में फूड प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री लगाने वालों को योगी सरकार देगी राहत

लखनऊ, 02 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के मकसद से राज्य की योगी सरकार ने नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-23 के तहत फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने वालों को तमाम तरह की रियायतें एवं अन्य सहूलियतें देने का फैसला किया है और इस पर अमल भी शुरू हो चुका है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हे अनुदान, ब्याज उपादान, परिवहन अनुदान समेत अतिरिक्त सुविधाएं दे रही है। इसे चार भागों में विभाजित किया है, जिसमें पहला परियोजनाओं के अनुदान, दूसरा ब्याज उपादान, तीसरा परिवहन अनुदान और चौथा प्रमुख प्रोत्साहन विशेषताएं हैं। इतना ही नहीं योगी सरकार की इन सहूलियतों को लाभ लेने के लिए निवेशकों को विभाग के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं है। वह ऑनलाइन आवेदन कर इसका लाभ उठा सकते हैं।
योगी सरकार नई खाद्य प्रसंस्करण नीति-23 के तहत नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर परियोजना लागत (तकनीकी सिविल कार्य प्लांट मशीनरी) का 35 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ का अनुदान दे रही है। इसके अलावा इकाइयों के विस्तारीकरण, आधुनिकीकरण, उन्नयन की परियोजना लागत (तकनीकी सिविल कार्य प्लांट मशीनरी) का 35 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। वहीं एकीकृत कोल्ड श्रृंखला एवं मूल्य संवर्धन इंफ्रास्ट्रक्चर की परियोजना लागत (प्राथमिक उपकरण, प्लांट मशीनरी एवं 50 फ्रोजन इरेडिएशन सुविधाएं) का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। इसी तरह कृषि प्रसंस्करण समूह द्वारा न्यूनतम निवेश 25 करोड़ (5 इकाई) के परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड़, बैकवर्ड और फारवर्ड लिंकेज के तहत फार्म गेट पर प्राथमिकत संस्करण केंद्र, संग्रह केंद्र, कोल्ड स्टोरेज ड्राई वेयरहाउस, मोबाइल प्री कूलिंग यूनिट, रेफर ट्रक, आईक्यूएफ की सुविधा वितरण केंद्र और खुदरा आउटलेट परियोजना लागत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 5 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है।
इतना ही नहीं कृषि संवर्धन श्रृंखला विकास अध्ययन के लिए परियोजना लागत का अधिकतम 5 करोड़, विकेंद्रीकृत खरीद भंडारण एवं प्रसंस्करण के निर्माण पर परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख का अनुदान दिया जा रहा है।
योगी सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए निवेशकों को ब्याज पर उपादान दे रही है। मोबाइल प्रीकूलिंग यूनिट रेफर वैन पर के ऋण पर अधिकतम पांच वर्ष के लिए 50 लाख पर ब्याज उपादान की सुविधा दी जा रही है। वहीं खाद्य प्रसंस्करण इकाई से निर्यातक देश तक परिवहन लागत का 25 प्रतिशत परिवहन अनुदान भी दिया जा रहा है।
इसके साथ प्रमुख प्रोत्साहन विशेषताओं के तहत गैर कृषि उपयोगी की घोषणा पर 2 प्रतिशत शुल्क पर छूट, सरकारी भूमि के विनिमय पर सर्किल रेट पर 25 प्रतिशत की छूट, भूमि उपयोग का रुपांतरण पर परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट, बाहरी विकास शुल्क पर 75 प्रतिशत छूट, भूमि क्रय हेतु स्टांप शुल्क की प्रतिपूर्ति, प्रदेश में प्रसंस्करण के लिए खरीदे गए कच्चे माल पर मंडी शुल्क, उपकार में छूट, प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा कृषकों से सीधे खरीदे कृषि उत्पाद पर मंडी शुल्क और उपकार शुल्क में छूट दी जा रही है।
प्रदीप
वार्ता
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