पार्लियामेंटPosted at: Aug 7 2019 3:44PM राज्यसभा में हुआ रिकॉर्ड कामकाज: नायडू
नयी दिल्ली 07 अगस्त (वार्ता) राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने 249 वें सत्र के दौरान सदन में रिकाॅर्ड कामकाज होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि इस बार 33 विधेयक पास हुए और सौ प्रतिशत से अधिक कामकाज हुआ जिसके लिए सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों बधाई के पात्र हैं।
श्री नायडू ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले समापन भाषण में यह बात कही। इसके साथ ही संसद का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार रात ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
सभापति ने कहा,“ वर्ष 2009 से 2014 के बीच पांच साल तक जिस तरह यह सदन चला उसके बारे में मैंने इस वर्ष 13 फरवरी को एक रिपोर्ट दी थी और बताया कि किस तरह 49 प्रतिशत समय सदन का बर्बाद हुआ लेकिन इस बार रचनात्मक सदन रहा और काफी कामकाज हुआ।”
उन्होंने कहा कि इस बार कुल 35 बैठकें हुईं और 104.92 प्रतिशत कामकाज हुआ जो पिछले पांच साल का रिकाॅर्ड है। गत 17 सत्रों में ऐसा कामकाज नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि पांच सत्रों में 7.44 प्रतिशत से 65.60 प्रतशित ही कामकाज हो पाया था इसलिए यह सत्र काफी संतोषजनक और सफल रहा। इस सत्र में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और तीन तलाक जैसे ऐतिहासिक विधेयक पारित किये गये। तीन तलाक हिन्दू कोड बिल के बाद 60 साल का यह सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है।
उन्होंने कहा कि इस बार कुल 19 घंटे 12 मिनट समय जरुर बर्बाद हुआ लेकिन 19 दिन तक अधिक समय तक बैठ करके 28 घंटे और काम हुआ।
उन्होंने बताया कि लोकसभा ने 36 विधेयक पारित किये और दोनों सदनों से कुल 31 विधेयक पास हुए तथा यह गत 17 साल का रिकाॅर्ड है। वर्ष 2002 में 35 और वर्ष 1984 में 37 विधेयक पारित किये गये थे। इस तरह विधेयकों को पारित करने की दृष्टि से यह अब तक का छठा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। गत 41 वर्षों में यह सबसे बढ़िया प्रदर्शन है।
श्री नायडू ने बताया कि 1952 में राज्यसभा के गठन से अब तक कुल 27 बार 30 दिन से अधिक बैठकें हुईं। इनमें नौ सत्र तो 35 से अधिक दिन चले लेकिन 1955 में सर्वाधिक 50 बैठकें हुईं थीं।
उन्होंने कहा कि पिछले 14 सालों में इतने लम्बे समय तक सदन की बैठकें भी नहीं चलीं और कुल 35 बैठकें हुईं और करीब 195 घंटे काम हुआ।
श्री नायडू ने कहा कि इस बार मीडिया ने काफी सकारात्मक रिपोर्टिंग की और नकारात्मक खबरें नही दी। उसने अधिक दिलचस्पी दिखाई और अच्छा कवरेज भी दिया।
अरविन्द, उप्रेती आशा
वार्ता