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बिजनेस


रिजोलुशन प्लान में किये गये सभी वादे पूरा करेगी सुरक्षा रियलटी

नयी दिल्ली 09 दिसंबर (वार्ता) दिवालिया हो चुकी कंपनी जे पी इंफ्राटेक के हजारों घर खरीदारों को तीन वर्षाें में फ्लैट तैयार कर देने के वादे के साथ आईबीसी प्रक्रिया के तहत अब तक तीन बार बोली लगा चुकी रियल एस्टेट कंपनी सुरक्षा रियलटी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी आलोक दवे ने सोमवार को कहा कि रिजोलुशन प्लान में किये गये सभी वादे को पूरा करने के लिए उनकी कंपनी कटिबद्ध है।
श्री दवे ने यहां जारी बयान में कहा कि पिछले डेढ़ वर्षाें से उनकी कंपनी ने इसके लिए बहुत मेहनत की है और एक मात्र ऐसी कंपनी है जिसने तीनो चक्र में बोली लगायी है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों पर ऋणदाताओं और घर खरीदारों के लिए अधिकतम मूल्य हासिल करने की अधिक जिम्मेदारी है क्योंकि आईबीसी का मुख्य उद्देश्य संपदा का अधिकतम मूल्य दिलाना है।
उन्होंने कहा कि नये रिजोलुशन प्लान को लेकर उन्हें ऋणदाताओं के समूह(जीओसी) से उन्हें पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद है। उन्हें न: न सिर्फ घर खरीदारों से बल्कि बैंकों के भी अधिकांश मत मिलने की उम्मीद है।
आईबीसी प्रक्रिया के तहत सुरक्षा रियलटी और एनबीसीसी के नये रिजोलुशन प्लान में से किसी एक के चयन के लिए कल से मतदान शुरू हो रहा है जो 16 दिसंबर तक चलेगा। इसमें जेपी इंफ्राटेक के करीब 23 हजार घर खरीदार और 13 बैंकर भाग लेंगे।
सुरक्षा रियलटी ने नये प्लान में न:न सिर्फ बैंकरों के अपफ्रंट पेमेंट को बढ़ाकर 195 करोड़ किया है बल्कि होमवायरों के कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपये की भूमि का भी प्रावधान किया है। गत छह नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने जे पी इंफ्राटेक की सोल्वेंशी प्रक्रिया को 90 दिनों में पूरा करने का आदेश देते हुये सुरक्षा रियलटी और एनबीसीसी को संशोधित प्लान पेश करने के लिए कहा था। जेपी इंफ्राटेक को ऋण देने वाले 13 बैंकरों के साथ ही 23 हजार घर खरीदार के पास ऋणदाताओं के तौर पर मतदान करने का अधिकार है और किसी भी प्लान की मंजूरी के लिए 66 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन चाहिए। घर खरीदारों के पास करीब 60 प्रतिशत मत है।
सुरक्षा ने तीन वर्षाें में 900 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन फ्लैटों का निर्माण पूरा करने तक जे पी की सड़क संपदा को बैक अप में रखने का भी प्लान दिया है। उसने कहा कि जेपी इंफ्रा का ग्रेटर नोएडा आगरा यमुना एक्सप्रेस वे अभी करीब 300 करोड़ रुपये के परिचालन लाभ में है और यह राशि उसकी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने में मददगार हो सकती है। जो खरीदार अपनी बुकिंग रद्द करा चुके हैं उन्हें कंपनी ने दो वर्षाें में रिफंड देने का वादा भी किया है।
शेखर
वार्ता
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