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राजनीति शिवराज कमलनाथ दो अंतिम भोपाल

श्री चौहान ने पंद्रह वर्ष पहले राज्य में भाजपा की सरकार के गठन और उसके बाद सुश्री उमा भारती, श्री बाबूलाल गौर और फिर उनके स्वयं के मुख्यमंत्री बनने का संक्षेप में जिक्र किया और कहा कि भाजपा सरकार ने जनहितैषी अनेक याेजनाएं चलायीं। विकास के बहुत सारे कार्य किए। इन सभी में निरंतरता बनी रहनी चाहिए और यही उनकी नयी सरकार से अपेक्षा है।
श्री चौहान ने कहा कि हम लोग मजबूत और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और जहां कहीं भी सरकार गलत करेगी, उसे तत्काल उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार कार्य करने और जनता की सेवा करने वाले हैं और किसी तरह का आराम नहीं कर अपनी जिम्मेदार निभाएंगे। इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएंगे, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एक बार फिर भाजपा की सरकार बने।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार का खजाना खाली नहीं, यह पूरी तरह भरा-पूरा है। उन्होंने प्रतिसवाल किया कि बताइए क्या कभी किसी योजना के लिए सरकार ने धन की कमी आने दी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन मन मध्यप्रदेश में ही रचा बसा हुआ है और वह इसके लिए ही कार्य करेंगे।
विपक्ष का नेता चुने जाने संबंधी सवाल के जवाब में श्री चौहान ने कहा कि यह निर्णय पार्टी नेतृत्व करेगा। उन्होंने अपने कार्यकाल का संक्षेप में जिक्र किया और कहा कि उनकी मंशा कभी भी किसी का दिल या मन दुखाने की नहीं रही। इसके बावजूद यदि कभी उनके कार्य या व्यवहार से किसी का मन दुखा हो तो वे इसके लिए क्षमायाचना करते हैं।
उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी नेताओं, केंद्रीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव पूरी दमदारी से लड़ी लेकिन कोई कमी रह गयी होगी। इस बारे में विस्तार से बाद में विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा के पराजय की जिम्मेदारी वे स्वयं लेते हैं। हालाकि स्पष्ट बहुमत न तो भाजपा को मिला और न ही कांग्रेस को। इसके बावजूद वह जनादेश का सम्मान करते हैं।
पंद्रहवें विधानसभा चुनाव के नतीजे आज सुबह आने के बाद श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने त्यागपत्र स्वीकार करते हुए नयी सरकार के गठन तक उनसे पद पर बने रहने के लिए कहा है।
प्रशांत
वार्ता
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