राज्यPosted at: Sep 25 2018 11:04PM रामपुर-उधमसिंह नगर जिले के बीच तीन महीने में हो सीमा निर्धारण: न्यायालय
नैनीताल 25 सितम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर और उत्तराखंड उधमसिंह नगर जिले के बीच सीमा निर्धारण करने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने के निर्देश दिये हैं।
न्यायालय ने कहा कि समिति तीन महीने के अंदर सीमा निर्धारण की प्रक्रिया को पूरी करेगी और एक जनवरी तक कोर्ट को अनुपालन रिपोर्ट सौंपेगी। न्यायालय ने कमेटी को दोनों जनपदों के बीच सीमा निर्धारण के लिये स्थायी खंभे लगाने के निर्देश भी दिये हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की संयुक्त खंडपीठ ने 2016 में दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद आज ये निर्देश जारी किये हैं।
न्यायालय ने दोनों राज्यों के प्रमुख सचिव (राजस्व) के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का आदेश दिया है। इस समिति में उधमसिंह नगर और रामपुर के जिलाधिकारियों को बतौर नोडल अधिकारी शामिल किया गया है।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि दोनों राज्यों के बीच गठित कमेटी की पहली बैठक 12 अक्टूबर या उससे पहले की जाए। साथ ही सीमा निर्धारण के लिए स्थायी खंभों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि दोनों राज्यों की राजस्व एजेसियां इस संबंध में समिति का पूर्ण सहयोग करें।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में दायर जनहित याचिका में रामपुर और उधमसिंह नगर जिले की सीमा पर बह रहे मटकोटा सिंचाई चैनल का मुद्दा उठाया गया। याचिका में कहा गया कि यह नहर दोनों जिलों की सीमा पर स्थित है। दोनों राज्यों और जिलों के बीच सीमा निर्धारण न हो पाने के कारण नहर पर हो रहे अतिक्रमण का भी चिन्हीकरण नहीं हो पा रहा है।
सं. रमेश जितेन्द्र
वार्ता