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लॉकडाउन में फोटोग्राफर के कैमरा का शटर हुआ ‘लॉक’

लॉकडाउन में फोटोग्राफर के कैमरा का शटर हुआ ‘लॉक’

पटना 31 मई (वार्ता) शादी-व्याह समेत जीवन से जुड़े खूबसूरत और यादगार लम्हों को कैमरे में कैद कर उनमें खुशियों का रंग भरकर उन्हें अविस्मरणीय बनाने वाले फोटोग्राफर लॉकडाउन में खुद लॉक हो गये और उनकी जिंदगी भी बेरंग हो गयी है।

लम्हों को कैद (लॉक) करने की ताकत किसी में भी नहीं है। भले ही इतिहास अपने आपको दोहराता हो, लेकिन हूबहू उस शक्ल में नहीं हो सकता। लम्हों को कैद यदि किसी ने किया है तो वह है फोटोग्राफी। यह इंसानी फितरत का ऐसा करिश्मा है, जो आदमी को गुजश्ता दौर में ले जाता है और उन पलों को ताजा कर देता है, जिन्हें उसने कभी जिया था। आधुनिकता के दौर में सभी के हाथ में स्मार्टफोन होने के बावजूद कुछ चीजें ऐसी होती हैं जहां के यादगर पलों को जीवन भर के लिए अविस्मरणीय बनाने के लिए फोटोग्राफरों की जरूरत पड़ती है।

नैसर्गिक और व्यक्तिगत खूबसूरती को कैद करने वाली फोटोग्राफी का करियर भी ऐसा ही है, जिसमें फ्लैश चमकाने के साथ-साथ करियर भी चमकता जाता है।शादी-व्याह के लम्हों को यादगार बनाने वाले फोटोग्राफरों पर भी कोरोना वायरस का कहर पड़ा है। कोरोना महामारी ऐसे समय मे आई जब शादी ब्याह का सीजन था। अप्रैल, मई और जून में फोटोग्राफरों को काम से फुर्सत नहीं मिलती थी। प्री वेडिग के साथ-साथ पोस्ट वेडिंग की फोटोग्राफी कराने के लिये लोगों को खोजे फोटोग्राफर नहीं मिलते थे लेकिन वर्तमान स्थिति में फोटोग्राफर हाथ धरे बैठे है।

बिहार फोटोग्राफर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश ने “यूनीवार्ता” को दूरभाष पर बताया कि कोरोना संकट में फोटोग्राफर का पूरा धंधा चौपट हो चुका है। कई लोगों को रोजी-रोटी का भी संकट है।अप्रेल से जून तक के समय में ही सर्वाधिक शादी का सीजन रहता है, लेकिन यह अवधि कोरोना संकट में चली गई। इससे फोटोग्राफर्स का रोजगार ही खत्म हो गया। अधिकतर फोटोग्राफर अपने फोटोग्राफी वाले धंधे से ही रोजगार चला रहे हैं, लेकिन महामारी के दौर में सब चौपट हो गया जिसे लेकर बिहार फोटोग्राफर्स एसोसिएशन आज बहुत ही चिन्तित है।

श्री ओम प्रकाश ने बताया कि पूरे जिले में हजारो की संख्या में फोटोग्राफर कार्यरत है, जो शादी-ब्याह जैसे आयोजनों से आजीविका चलाते हैं। सरकार के आदेश का पालन हम धैर्यपूर्वक निभाते हुए आ रहे हैं। इस लॉकडाउन के कारण शादी-ब्याह एवं घरेलू कार्यक्रम किसी तरह की मीटिंग जैसे कार्यक्रम नहीं होने के कारण फोटोग्राफर समाज की हालत बहुत ही खरब हो गयी है। यहां तक अब अपना, अपना परिवार चलना मुश्किल हो रहा है। बच्चो के स्कूल की फीस, घर का किराया, दुकान का किराया, बिजली बिल आदि जैसी समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि सीजन के दौरान कार्य करने के लिए इनके साथ हर समय दो-तीन दिहाड़ी मजदूर भी जुड़े रहते हैं उनकी आजीविका भी इनके साथ ही बंद हो गयी है। एक सप्ताह पूर्व लॉकडाउन में फोटोग्राफी स्टूडियो की दुकान खुली है लेकिन काम नही मिल रहा है। इस बार का पूरा सीजन ही खराब हो गया है।अब इन समस्याओं से निकलने का एक ही रास्ता समझ में आ रहा है जिसका सरकार की ओर सहायता देकर इसका निदान हो जिससे फोटोग्राफी समाज अपनी जीविका चला सके। हमें बिहार सरकार से पूरी उम्मीद है इस ओर पूरा-पूरा ध्यान दिया जायेगा।

एन. के. फोटो स्टूडियो के मालिक निरंजन कुमार ने बताया कि फोटोग्राफरों के लिए यह समय शुभ समय था। शादी ब्याह के इस सीजन में हम कई माह का खर्चा उठा लेते है। लेकिन लॉकडाउन के कारण धंधा चौपट हो गया है। शादी विवाह रुक गए है। खुद के खाने के लाले पड़ने लगे है। स्टाफ को किस तरह वेतन दे यह भी समस्या आन पड़ी है। लॉकडाउन में इवेंट भी कैंसिल हो गये हैं।महामारी के दौर में सब चौपट हो गया है। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफर अपने हुनर के आधार पर साल के छह महीने ही काम कर पूरे साल अपना भरण पोषण करता हैं। क्योंकि शादी विवाह का सीजन सालों भर नहीं रहता। अप्रैल,मई और जून मे शादी विवाह एवं दूसरे शुभ मुहूर्त इस महामारी के कारण खाली निकल जाएगा।फोटोग्राफी का यह व्यवसाय इस माहामारी के भेट चढ़ गया है।

परफेक्ट क्लिक के अभिषेक कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण हर कोई इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में फोटोग्राफी के पेशे से जुड़े लोगों की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है।हमलोगों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लॉकडाउन फिर आगे बढ़ गया है ,ऐसी स्थिति में अपने साथ परिवार का पेट भरना असंभव हो जाएगा। फोटोग्राफर इस लॉकडाउन के दौरान संकट के दौर से गुजर रहे हैं। कार्यक्रमों का शुभ मुहुर्त निकलता जा रहा है। जिससे हमारी आíथक स्थिति चरमरा गई है। व्यवसाय ठप हो गया है। पूरा परिवार इसी की कमाई पर निर्भर है।


मोगली क्लिकर ने बताया कि फोटोग्रफर के लिये शुभ लगन काफी मायने रखता है जो सालों भर की कमाई उस लगन में कमा लेते हैं लेकिन ऐसे कार्यक्रम ना होने की वजह से फोटोग्राफर बंधु की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। इस लॉकडाउन के वजह से हम सब फोटोग्राफर को बहुत तकलीफ़ हो गयी है ,खासकर फ्रीलांस फोटोग्राफर्स को।लॉकडाउन के वजह से पूरे साल के शादी समारोह का धंधा चौपट हो गया है, ना केवल फोटोग्राफर्स बल्कि शादी-व्याह से जुड़े सभी लोगो का भी हाल बुरा है, स्थिति ऐसी है की अब घर चलाना मुश्किल हो गया है।

फोटोग्राफर रवीन्द्र भारती ने बताया कि वह करीब 25 वर्ष से फोटोग्राफी का काम कर रहे हैं लेकिन उन्होंने ऐसा संकट पहले कभी नही देखा था। उन्होंने बताया कि शादी का सीजन 14 अप्रैल को खरमास खत्म होने के बाद शुरू होता है जो जून के अंत तक रहता है। लॉकडाउन से सभी शादियां कैंसिल हो गयी जिससे सभी सभी फोटोग्राफर आर्थिक संकट की घड़ी से गुजर रहे हैं। हम लोग तीन माह में पैसा कमाकर अपने बच्चों की स्कूल फीस, कर्मचारियों का वेतन, घर का खर्च, दुकान खर्च निकाल लेते हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में इवेंट पर ग्रहण लग गया वहीं प्रेस कॉनप्रेस भी आयोजित नही किये जा रहे हैं जिससे घर पर बैठने का कोई चारा नही है।

मोह मेमोरी ऑफ हैपिनेस की रोशनी जैन ने बताया कि शादी का सीजन अप्रैल से जून तक का था। सारी बुकिंग कैंसिल हो गये। एडवांस में लिये गये पैसे लौटाने पड़ गये। लॉकडाउन के कारण हमारे कार्यालय बंद थे। एडिटिंग का पुराना काम जो बचा था वह हम घर पर ही रहकर कर रहे थे लेकिन उसमें कोई इनकम नही हो रही थी। कार्यालय बंद होने के बावजूद हमे ऑफिस का किराया देना पड़ता था। कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी छुट्ठी में घर चले गये लेकिन उन्हें वेतन देना होता था।इस सीजन में पूरा काम ही चौपट हो गया। अब शादी के अगले सीजन नवंबर में ही कुछ कमाने की उम्मीद है।

प्रेम सूरज

वार्ता

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