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लॉकडाऊन खुलने के बाद लोग हुए लापरवाह : मीणा

लॉकडाऊन खुलने के बाद लोग हुए लापरवाह : मीणा

हिसार, 13 जुलाई (वार्ता) आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशेाक कुमार मीणा ने आज कहा कि लॉकडाऊन खुलने के बाद लोग लापरवाह हो गये हैं जो बेहद खतरनाक है।

यहां लघु सचिवालय में अधिकारियों के साथ एक बैठक में श्री मीणा ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर रोक के लिए जरूरी है कि हॉट-स्पॉट जिलों व राज्यों से यहां आने वाले लोगों की पहचान व स्वास्थ्य जांच का कार्य स्थानीय स्तर पर गठित यूनिट टीम के माध्यम से इस प्रकार करवाया जाए कि कोई भी व्यक्ति छूटने न पाए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लोगों को यह समझना जरूरी है कि कोरोना को हल्के में न लें क्योंकि यदि शुरूआती अवस्था में ही इसका इलाज शुरू करवा दिया जाए तो मृत्यु दर पर अंकुश लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद लोग कोरोना के प्रति लापरवाह हुए हैं जोकि सरासर गलत है। यह धारणा भी गलत है कि कोरोना से केवल वृद्घजन व गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति ही मृत्यु का शिकार होते हैं। ऐसे कई केस देखने में आए हैं जिनमें स्वस्थ व जवान व्यक्ति भी कोरोना से मृत्यु का शिकार हुए हैं। यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमण की शुरूआती अवस्था में ही अपना इलाज शुरू करवा देता है तो उसके ठीक होने की संभावना अधिक होती है लेकिन यदि देरी की जाती है और संक्रमण विभिन्न अंगों में फैल जाता है तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे अपने व परिजनों के स्वास्थ्य पर नजर रखें और अस्वस्थ होते ही जांच करवाएं। उन्होंने आमजन से अपने घरों में ऑक्सीमीटर रखने की भी अपील की जिससे सैचूरेशन लेवल पर नजर रखी जा सके।

श्री मीणा ने कहा कि बूथ स्तर पर बनाई गई यूनिट टीमें यदि अपने एरिया में बाहरी जिलों व राज्यों से आने वाले लोगों पर नजर रखें और उनकी स्वास्थ्य जांच करवाएं तो कोरोना संक्रमण पर बहुत हद तक रोक लगाई जा सकती है। इन टीमों को ई-दिशा की वेबसाइट पर अपडेट होने वाली वह सूची नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जाए जिसमें बाहर से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी होती है। ऐसे लोगों की पहचान के लिए यूनिट कमेटी आरडब्ल्यूए व कालोनी के निवासियों की गठित कमेटियों की भी मदद ले। इसके अलावा जो व्यक्ति कोरोना जैसे लक्षण प्रकट होने पर अपनी जांच करवाना चाहें, उनके फोन कॉल्स का समुचित रिकॉर्ड रखा जाए जिससे पता चल सके कि व्यक्ति की जांच व इलाज के लिए सही प्रक्रिया अपनाई गई अथवा नहीं।

उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मोबाइल नंबर व पता जरूर नोट किया जाए ताकि बाद में उसे ट्रेस किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है उन्हें सुबह-शाम कंट्रोल रूम से फोन करके उनकी तबीयत व चिकित्सक की विजिट के संबंध में पूछा जाए। कंट्रोल रूम में चिकित्सक की भी ड्यूटी लगाई जाए ताकि यदि कोई मरीज स्वास्थ्य संबंधी सलाह लेना चाहे तो उसे तुरंत मिल सके।

सं महेश विक्रम

वार्ता

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