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लोकरूचि-सावन कांवड़ दो अन्तिम प्रयागराज

मण्डली के वरिष्ठ ताराचंद मिश्र ने बताया कि कांवड यात्रा ले जाने के कई नियम होते हैं जिसे पूरा करने के लिए हर कावंडिया संकल्प करता है। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार का नशा और तामशी भोजन वर्जित होता है। बिना नहाए कावंडिया कांवड को छूना चमड़े की वस्तु का स्पर्श करना, वाहन का प्रयाेग करना, चारपाई का उपयोग करना, तेल, साबुन कांघी आदि मनाही हाेता है।
उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के कई नियम है। पहला सामान्य कांवड, इस कांवड यात्रा के दौरान कांवडिया जहां थक जाए, रूक कर विश्रााम कर सकता है। विश्राम करने के दौरान कावंड़ लकडी की बनी हुई स्टैंड पर रखी जाती है जिससे कांवड जमीन का स्पर्श नहीं करे। रास्ते में श्रद्धालु इसे पहले से ही तैयार कराकर रखते हैं।
श्री मिश्र ने बताया कि कांवड कई प्रकार की होती है लेकिन उनमें चार प्रकार काफी प्रचलित हैं। इसमें सामान्य कांवड़ और खड़ी कांवड अधिक कष्टकारी नहीं होती लेकिन डाक कांवड और दंडी कांवड बहुत कष्टकारी होती है। दंड़ी
कांवड यदा-कदा देखने को मिलती है।
दूसरा खडी कावंड को जब कावंरिया लेकर चलता है तब यात्रा के दौरान उसके सहयोग के लिए एक सहयोगी साथ में चलता है। जब वे विश्राम करते हैं उनका सहयोगी कांवड को अपने कंधे पर रख कर चलने की मुद्रा में हिलता-डुलता
रहता है।
तीसरा डाक कांवड कष्टकारी होता है। इसमें कावंडिया कावंड यात्रा आरम्भ से लेकर जलाभिषेक करने तक निरंतर चलते रहते हैं। शिवधाम (काशी विश्वनाथ) तक की यात्रा एक निर्धारित अवधि में पूरी करनी होती है। यह समय
करीब 24 घंटे के आस-पास लगता है। इस दौरान शरीर से उर्त्सजन की क्रियाएं भी वर्जित मानी गयी हैं।
चौथा दंडी कावंड सबसे जटिल होती है। इस यात्रा को बहुत कम ही श्रद्धालु करते हैं। इसमें श्रद्धालु नदी तट से शिवधाम तक की यात्रा लेटकर अपने शरीर की लम्बाई नापते हुए यात्रा पूरी करते हैं। यह बहुत मुश्किल वाला होता है। इसमें श्रद्धालु अपने नजदीकी शिवलयों को अधिक प्राथमिकता देते हैं। (काशी विश्वनाथ) शिवधाम तक पहुंचने में एक माह तक का समय लग जाता है।
उन्होने बताया कि इस परिक्रमा में आगे और पीछे इनके परिजन या टोली के लोग चलते हैं। एक श्रद्धालु आगे-आगे इनके दंडवत स्थान से हाथ की दूरी तक एक निशान लगाता चलता है। यात्रा के दौरान कोई किसी का नाम नहीं लेता।
एक दूसरे को भोला या भोली कह कर संबोधित करते हैं।
दिनेश भंडारी
वार्ता
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