भारतPosted at: Apr 19 2021 9:52PM लोकसभा, विधानमंडल मिल कर देश को दिलायें कोरोना से मुक्ति: बिरला
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश के सभी विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों का आज आह्वान किया कि वे अपने अपने सदनों में जनप्रतिनिधियों को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए जनता को जागरूक बनाने एवं सरकार एवं जनता के बीच सेतु के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित करें।
संसद के निचले सदन के साथ ही अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री बिरला ने ‘कोविड-19 की वर्तमान स्थिति - जनप्रतिनिधियों की भूमिका और दायित्व’ विषय पर भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों और अन्य नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उनके अलावा राज्यों के संसदीय कार्य मंत्री, सदनों में मुख्य सचेतक तथा नेता प्रतिपक्ष भी उपस्थित थे।
श्री बिरला ने कहा कि कोविड-19 के संकट के एक वर्ष से भी अधिक समय के बाद आज यह महामारी पुनः नए रूप में नई चुनौतियों के साथ हमारे सामने आयी है। कोरोना संक्रमण का यह नया स्ट्रेन पिछले वर्ष की तुलना में और अधिक तेजी से फैल रहा है और यह हम सबके लिए गम्भीर चिंता का विषय है।
लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सरकारें अपने स्तर पर सभी आवश्यक प्रयास कर रही हैं। पर संकट की इस घड़ी में को भी और अधिक तत्परता से अपना कर्तव्य निभाना है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों का भी आह्वान किया कि वे सभी पूरी एकजुटता और सामूहिकता की भावना से अपने कर्तव्यों का पालन करें तथा समाज और देश को इस आपदा से शीघ्र मुक्ति दिलाने में अपना योगदान दें।
श्री बिरला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि वह कोरोना के संबंध में जागरूकता और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए अपने-अपने राज्यों के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता में आवश्यक संदेश पहुंचाने का प्रयास करे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से जनता के बीच यह सन्देश देने को कहा कि कोरोना के साथ लड़ाई में निजी सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है और इस बारे में कोई भी लापरवाही अत्यंत खतरनाक सिद्ध हो सकती है।
श्री बिरला ने सुझाव दिया कि महामारी के नियंत्रण के लिए जनप्रतिनिधि सामाजिक संगठनों की सहायता ले सकते हैं। ग्राम पंचायतों एवं शहरी क्षेत्रों के स्थानीय निकायों सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को सामूहिक रूप से कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए जनता के बीच में रहकर व्यापक प्रयास करने हेतु प्रेरित किया जाये। पीठासीन अधिकारीगण अपने-अपने राज्यों के विधान मण्डलों में कंट्रोल रूम स्थापित करें जो सभी जनप्रतिनिधियों से जुड़े रहे। इसके माध्यम से प्राप्त सूचनाएं एवं जनता की कठिनाइयों को सरकार तक पहुंचाने का काम करें।
उन्होंने कहा कि केन्द्र से संबंधित कोई विषय हो तो वह लोकसभा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएं। ऐसा होने से राज्यों के विधान मण्डलों एवं लोकसभा का एक साझा तंत्र स्थापित हो सकेगा और जो मिलजुलकर इस भीषण महामारी को रोक पाने में कारगर साबित होगा।
उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि देश भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब तक 12 करोड़ से भी अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि इस टीकाकरण कार्यक्रम को देश भर में और अधिक तेज करने की आवश्यकता है। इसलिए सभी जनप्रतिनिधि इस दिशा में स्थानीय प्रशासन के प्रयासों के सहभागी बनें। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से अपने अपने परिणामकारी अनुभव एक दूसरे से साझा करने का आग्रह किया ताकि जनता की समस्याओं के निवारण के लिए एक मानक प्रक्रिया स्थापित हो और एक आचार संहिता विकसित हो सके।
इस बैठक में 34 विधान सभाओं और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों और अन्य नेताओं ने भाग लिया।
सचिन
वार्ता