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लाँड्री के असंगठित व्यवसाय को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए:राव

मुंबई, 17 फरवरी (वार्ता) भारत में 6वें बड़े सेवा क्षेत्र ‘लाँड्री’ को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए।
ड्राई क्लीनर्स एंड लॉन्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएलएआई)के महासचिव श्रीनिवास राव ने कल मुंबई में ‘पहली वार्षिक आम बैठक और बेस्ट प्रेक्टिस अवार्ड्स 2020’ के समारोह के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि देश में कपड़ों की साफ सफाई (लाँड्री) का व्यवसाय असंगठित है जिसे अब संगठित करने का प्रयास डीएलएआई ने करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि डीएलएआई की स्थापना एक वर्ष पूर्व की गयी थी और इस व्यवसाय से जुड़े एक हजार लोग संस्था के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष में पूरे देश में 10 हजार सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
श्री निवास ने कहा कि यह क्षेत्र असंगठित जरूर है लेकिन यह क्षेत्र 5़ 50 हजार करोड़ रुपये का बृहद क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था लोगों को प्रशिक्षण भी देगी ताकि लोगों को रोजगार मिलने में आसानी हो।
उन्होंने कहा कि संस्था का निकट भविष्य में विस्तार भी किया जायेगा और हर राज्य में संस्था को बढ़ाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि डीएलएआई इस उद्योग में 18 प्रतिशत जीएसटी को घटा कर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है। लांड्री की सेवा रेलवे, विमान, होटल, अस्पताल आदि में बड़े पैमाने पर ली जाती है।
इसके अलावा निजी तौर पर घर-घर में लोग लांड्री की सेवा लेते हैं।
त्रिपाठी.श्रवण
वार्ता
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