भारतPosted at: Nov 15 2018 8:37PM लिवर की बीमारियों से हर साल दो लाख लोगों की मौत
नई दिल्ली, 15 नवंबर (वार्ता) देश में यकृत (लिवर) से जुड़ी बीमारियां गंभीर रूप लेती जा रही हैं आैर हर साल दो लाख लोगों की मौत इन बीमारियां के कारण हो रही हैं जबकि 20 हजार लोगों को लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है लेकिन केवल 1800 लोगों का ही लिवर प्रत्यारोपित हो पाता है।
देश में 20 वर्ष पहले अपोलो अस्पताल में भारत का पहला लिवर प्रत्यारोपण हुआ था और जिस बच्चे का यह प्रत्यारोपण किया गया था, उस वक्त उसकी उम्र मात्र 18 माह थी। उस बच्चे का नाम संजय कंडासामी था अौर उसके पिता ने उसे अपना लिवर दिया था। वह एक दुर्लभ बीमारी “ बाइलरी एट्रीसिया ” से पीड़ित था और यह बीमारी 12 हजार में से एक बच्चे को होती है। अब यह बच्चा 21 वर्ष का हो गया है और मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।
देेश के पहले लिवर प्रत्यारोपण की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर अपोलो समूह के चिकित्सा निदेशक अौर बाल रोग सर्जन डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा कि अाज का दिन चिकित्सा जगत के लिए बहुत खास है और इस अस्पताल में अब तक 50 देशों के आए 3200 मरीजों में लिवर का सफल प्रत्यारोपण किया जा चुका है जिनमें 302 बच्चे भी हैं।
श्री कंदासामी ने इस मौके पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अपाेलाे अस्पताल के चिकित्सकों का बहुत आभारी हैं जिन्होंने 20 वर्ष पूर्व उसे नया जीवन दिया था। उसने कहा,“ इन चिकित्सकों की मदद के बिना आज मैं आप लोगों के बीच नहीं होता और इनका शुक्रगुजार रहूूंगा। मैं अपने देश के लोगों का जीवन बचाने में योगदान देना चाहता हूं और लोगों को यही संदेेश देना चाहता हूंं कि जीवन में किसी भी चुनौती को जीतना संभव हैं।”
जितेन्द्र.श्रवण
वार्ता