राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 28 2020 8:54PM विदेशी पक्षी प्रेमी दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों का कर रहे दीदार
सहारनपुर,28 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के हैदरपुर नम भूमि पर देश-विदेश के पक्षी प्रेमी पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों का दीदार कर रहे हैं।
विश्व विख्यात पक्षी विशेषज्ञ एवं पक्षी प्रेमी इंग्लैंड की कैरल इंस्किप ने कहा कि पक्षियों की दुलर्भ प्रजातियों का संरक्षण हमारे इकोलोजिकल सिस्टम और पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक है। उन्हाेंने इस संबंध में अपने ज्ञान
और अनुभवों को सहारनपुर के कमिश्नर संजय कुमार के साथ साझा कर उन्हें कई महत्तवपूर्ण सुझाव दिए।
सहारनपुर मंडल में हाल ही विकसित किए गए हैदरपुर नम भूमि की ख्याति तेजी के साथ देश और दुनिया
में फैल गई। विश्व विख्यात इग्लैंड की पक्षी विशेषज्ञ कैरल इंस्किप को भारत के पक्षी विशेषज्ञ सलीम अली के समान माना जाता है। हैदरपुर नम भूमि को स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के रहने के लिए विकसित किए जाने वाले पक्षी प्रेमी और पर्यावरणविद मंडल आयुक्त संजय कुमार के साथ उन्होंने शुक्रवार को वहां का दौरा किया।
कैरल इंस्किप ने आयुक्त के साथ दो दिन तक वहां मौजूद पक्षियाें का करीब से अध्ययन किया। उन्होंने वहां का अध्ययन कर पक्षियों की एक सौ पचास प्रजातियों को करीब से देखा। दोनो ने अपने कैमरो में दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों व्हाइटटेल्ड, ईगल, ब्लैक हैडेड ईबिस, पैडूलैंट डीट के चित्र कैद किए। वह एक से एक दुलर्भ पक्षियों को देखकर
बेहद आनंदित हुई।
मंडल आयुक्त संजय कुमार के प्रयासों की सराहना करते हुए कैरल इंस्किप ने सुझाव दिया कि इस वेटलैंड को लोगों की गतिविधियों से पूरी तरह से मुक्त रखा जाए। मछलियों के शिकार पर सख्त पाबंदी रहे और आने वाले गर्मियों के दिनों में गंगा बैराज पानी का समुचित प्रवाह बना रहे।
उन्होंने वहां जलकुभियों की बढोत्तरी पर चिंता जताते हुए उसे हटाने का भी सुझाव दिया। कैरल इंस्किप ने कहा कि पक्षियों का जीवन बचाने के लिए पानी की उपलब्धता हर कीमत पर बनाए रखी जाए।
आयुक्त ने विश्व विख्यात पक्षी विशेषज्ञ कैरल इंस्किप के हैदरपुर नम भूमि पक्षी विहार के भ्रमण को बडी उपलब्धि बताते हुए बताया कि वर्ष 1984 में जब बिजनौर का यह बैराज गंगा नदी पर बना था। उसी दौरान बाढ के पानी के कारण
हैदरपुर वैटलैंड विकसित हुआ। जिसे हाल ही में उनके प्रयासों से तीन हजार एकड क्षेत्रफल में विकसित कर पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि दो-तीन फरवरी को इस स्थल पर पक्षी महोत्सव का सफल आयोजन किया गया था। जिसमें विख्यात पक्षी विशेषज्ञ शामिल हुए थे। उस वक्त 271 प्रजातियों के पक्षियों की पहचान की गई थी। कैरल इंस्किप ने यहां फिर आने का भरोसा दिलाया।
सं तेज
वार्ता