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विधानसभा में अध्यक्ष एवं भाजपा सदस्यों में गतिरोध समाप्त

विधानसभा में अध्यक्ष एवं भाजपा सदस्यों में गतिरोध समाप्त

जयपुर 24 जुलाई (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल में प्रश्न पूछने को लेकर अध्यक्ष एवं विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों के बीच बना गतिरोध आज समाप्त हो गया।

अध्यक्ष डा सी पी जोशी के प्रश्नकाल शुरु होते ही फिर नियम 31 (2) का हवाला देते हुए कहा कि प्रश्नकाल में प्रश्न पूछने एवं उसके उत्तर में पांच मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए और प्रश्नकाल में कम से कम बारह प्रश्नों पर विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका प्रयास किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि उनकी इस व्यवस्था पर कोई विचार ही नहीं किया जायेगा। प्रतिपक्ष के नेता के साथ बैठकर इस पर विचार किया जायेगा कि इसमें क्या हो सकता, तब तक सभी सदस्य प्रश्नकाल में अपनी भागीदारी निभाये। अध्यक्ष के इस निवेदन के बाद विपक्ष के सदस्यों एवं अध्यक्ष के बीच गतिरोध समाप्त हो गया और भाजपा सदस्यों ने प्रश्नकाल में प्रश्न पूछना शुरु कर दिया।

इससे पहले प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अध्यक्ष की इस भावना का वे सम्मान करते है, उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में केवल प्रश्नकर्ता ही प्रश्न पूछेगा यह नियम के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सदस्य प्रश्न पूछते ही वह सदन की सम्पति हो जाती है और इसके लिए कम से कम दो लोगों को प्रश्न पूछने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रश्न की महत्वता के हिसाब से उस पर पूरक प्रश्न पूछने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि राज्य स्तर के प्रश्न पर अन्य सदस्य भी प्रश्न कर सके। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में सुधार करने पर उन्हें कोई एतराज नहीं हैं। इसके बाद गतिरोध समाप्त हो गया। हालांकि भाजपा सदस्यों ने बांह पर काली पट्टी बांधे रखी। प्रश्नकाल में बुधवार को कुल 29 प्रश्न सूचीबद्ध थे, जिनमें ग्यारह प्रश्नों पर सवाल-जवाब हुए जबकि प्रश्नकाल समाप्त होने से 18 प्रश्न रह गये।

प्रश्नकाल के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक वासुदेव देवनानी ने सदन के बाहर मीडिया से कहा कि वे भी गतिरोध समाप्त करना चाह रहे थे, क्योंकि वे चाहे रहे थे कि प्रश्नकाल में ज्यादा से ज्यादा प्रश्न हो तथा जनता की समस्याओं को उठाया जाये। प्रश्न पूछने को लेकर बना गतिरोध अध्यक्ष के इस पर विचार करने का आश्वासन देने के बाद समाप्त हो गया लेकिन वे प्रश्नकर्ता के अलावा अन्य सदस्य को भी प्रश्न पूछने की अनुमति देने की मांग पर अड़े हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि पिछले करीब सप्ताह भर से प्रश्न पूछने को लेकर प्रश्नकाल में अध्यक्ष और भाजपा सदस्यों के बीच गतिरोध बन गया था और इसे लेकर भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी एवं प्रदर्शन एवं बर्हिगमन किया तथा मुंह पर पट्टी बांधकर तथा इसके बाद बांह पर काली पट्टी बांधकर एवं प्रश्नकाल में प्रश्न नहीं पूछकर चुप बैठे रहकर अपना विरोध जताया।

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