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विधायक नैना चौटाला के जाने पर भी अभय चौटाला रहेंगे विधानसभा में विपक्ष के नेता

चंडीगढ़, 19 नवम्बर(वार्ता) हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के दोफाड़ होने के बाद विधानसभा में इसके विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के इस पद पर बने रहने या न रहने पर सवाल उठने खड़े हो गये हैं।
इनेलाे को वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में 19 सीटें मिली थीं जो भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को मिली 47 सीटों से दूसरी सर्वाधिक थीं और इसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने श्री अभय चौटाला को विपक्ष के नेता पद का दर्जा दिया था। जींद से इनेलो विधायक डा0 हरीचंद मिढडा का हाल ही में निधन होने के बाद सदन में इनेलो के सदस्यों की संख्या 18 रह गई थी। लेकिन पार्टी के गत 17 नवम्बर को दोफाड़ हो जाने तथा अजय चौटाला गुट के अलग होकर नई पार्टी के गठन का ऐलान करने से सदन में विपक्ष के नेता पद पर श्री अभय चौटाला के बने रहने पर संकट के बादल छाते दिखाई दे रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हेमंत कुमार के अनुसार श्री अजय चौटाला की विधायक पत्नी नैना चौटाला के पार्टी छोड़ने या निष्कासन की स्थिति में भी अभय के इस पद पर बने रहने पर कोई संकट नहीं होगा लेकिन अगर इससे अधिक विधायक इनेलो छोड़ कर अजय गुट में जाते हैं तो विपक्ष के नेता का पद श्री अभय चौटाला के हाथ से छिटक सकता है क्योंकि पार्टी की सदन में सीटें कांग्रेस से कम हो जाएंगी। सदन में कांग्रेस के सदस्याें की संख्या इस समय 17 है जिसमें हरियाणा जनहित कांग्रेस(हजकां) के दो विधायक कुलदीप विश्नोई और रेणुका विश्नोई भी शामिल हैं जो हजकां का कांग्रेस में विधिवत विलय होने के बाद आए हैं।
दूसरी स्थिति में अगर श्रीमती नैना चौटाला ही अगर पार्टी से बाहर जाती हैं तो श्री अभय चौटाला के विपक्ष के नेता पद पर कोई संकट नहीं होगा। ऐसे इनेलो और कांग्रेस की सदन में 17-17 सीटें होने के बावजूद इन्हें वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में मिले मत प्रतिशत के आधार पर फैसला होगा। इनेलो को इन चुनावों में 24.11 प्रतिशत तो कांग्रेस को 20.58 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे।
श्री कुमार ने इस बारे में एक पूर्व मिसाल का हवाला देते हुए बताया की वर्ष 2013 में तत्कालीन कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा एवं जनता दल(एस) दोनों को ही 40-40 सीटें मिली थीं लेकिन जब विपक्ष के नेता पद के लिए दोनों पार्टियों का मत प्रतिशत देखा गया तो जनता दल(एस) को सदन में विपक्ष के नेता का पद मिला क्योंकि इस पार्टी को उक्त चुनावों में 20.19 प्रतिशत जबकि भाजपा को 19.89 प्रतिशत मत मिले थे।
उन्होंने बताया कि तीसरी स्थिति में अगर श्रीमती नैना चौटाला के अलावा उनके गुट के दो और विधायक भी इनेलो विधायक पार्टी से अलग हो जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में इनेलो विधायक दल की संख्या 15 रह जाएगी जो कांग्रेस के मूल सदस्यों की संख्या के बराबर हो जायेगी। अब उस स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष के विवेकाधिकार पर होगा कि वह यह पद कांग्रेस विधायक दल के नेता को देते हैं या फिर इसे इनेलो के पास ही रहने देते हैं।
रमेश1514वार्ता
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