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विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का बहिर्गमन

विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का बहिर्गमन

चंडीगढ़ ,26 फरवरी (वार्ता) पंजाब विधानसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी तथा शिरोमणि अकाली दल ने वाकआउट किया ।

शून्यकाल के दौरान अकाली सदस्य बिक्रम मजीठिया ने स्वास्थ्य विभाग में पांच हजार गोलियां गायब होने तथा दो सौ करोड़ की ठगी के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू के तत्काल निलंबन की मांग की । इस पर श्री सिद्धू ने चिट्टे का मामला उठाया और कहा कि राज्य में चिट्टे (स्मैक)ने जवानी को तबाह कर दिया । श्री मजीठिया का नाम सुनते ही अकाली सदस्य भड़क गये तथा नारेबाजी करते आसन के समीप आ गये । विस अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीटों पर जाकर अपनी बात रखने का आग्रह किया लेकिन वे शोर शराबा करते रहे और विरोध स्वरूप वाकआउट कर गये । दूसरी बार उन्होंने राज्यपाल अभिभाषण प्रस्ताव पर जवाब के दौरान पाइंट आफ आर्डर को लेकर वाकआउट किया ।

आम आदमी पार्टी ने भी दो बार वाकआउट किया । पहली बार उन्होंने उस समय वाकआउट किया जब आप सदस्य अमन अरोड़ा के कुछ प्राइवेट बिल को रद्द करने की बात विस अध्यक्ष ने कही । उन्होंने प्रेस लाउंज में पत्रकारों से कहा कि पार्टी शराब के बारे में प्राइवेट बिल लेकर आयी लेकिन उनके बिल को रद्द कर दिया गया । राज्य में शराब माफिया को बढ़ावा दे रही है जिससे सबसे अधिक नुकसान हो रहा है । यह गोरखधंधा पिछली बादल सरकार की तरह जारी है ।

श्री अरोड़ा ने कहा कि वे लोगों के बीच जाकर इन मुद्दों को उठायेंगे । शराब की तस्करी से जुड़े आरटीआई के दस्तावेज साथ लाये श्री अरोड़ा ने कहा कि राज्य में शराब की तस्करी जारी है और मुख्यमंत्री की शह पर यह धंधा चल रहा है ।

प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की ओर से कल सदन में डीजीपी दिनकर गुप्ता और मंत्री भारत भूषण आशु को दी गई क्लीनचिट्ट से पूरी तरह असहमत हैं। डीजीपी दिनकर गुप्ता की तरफ से पंचकूला में करतारपुर साहिब के बारे में दिया गया बयान यूं ही नहीं दिया गया था, यह देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के इशारे पर दिया गया बयान है।

श्री चीमा ने कहा कि श्री दिनकर गुप्ता की नियुक्ति भी केंद्र सरकार के दबाव में हुई है। डीजीपी और कैप्टन सिंह पूरी तरह भाजपा और आरएसएस की भाषा बोल रहे हैं जो पंजाब और देश की एकता अखंडता और भाईचारे के लिए खतरा है।

श्री चीमा ने अंदेशा जताया कि कुछ एजेंसियां 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में मौड़ बम धमाके की तर्ज पर अशांति फैला सकती हैं। मौड़ बम धमाके में चार बच्चों समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी और उसके दोषी अब तक पकड़े नहीं गये ।

श्री चीमा ने खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु के मामले पर कहा कि पार्टी की लीगल विंग की टीम आशु से सम्बन्धित मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाएगी।

इससे पहले प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में नशा तस्करों को नकेल कसने की मांग करते हुये पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में डीजीपी एस.एस. चटोपाध्य की तरफ से नशा तस्करी के साथ सम्बन्धित सीलबंद रिपोर्ट को विशेष रिट पटीशन डाल कर खुलवाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में नशों और नशा तस्करी के साथ जुड़ी बड़ी मछलियों को पकडऩे के लिए उन नामों का सार्वजनिक होना जरूरी है जो चटोपाध्य की सीलबंद रिपोर्ट में दर्ज हैं।

उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में शामिल बड़ी मछलियों को हाथ डालने के लिए हाईकोर्ट में लम्बे समय से सीलबंद एस.एस. चटोपाध्य रिपोर्ट, ईडी की तरफ से निरंजन सिंह की रिपोर्ट और सिट प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू की रिपोर्टों का सार्वजनिक होना और इन पर कार्रवाई बहुत जरूरी है।

आप सदस्य मंजीत सिंह बिलासपुर ने शून्यकाल में संगरूर में पक्का धरना लगाकर बैठे ईटीटी, बीएड और टैस्ट पास अध्यापिका का मुद्दा उठाया तथा पढ़े-लिखे योग्य नौजवानों को तुरंत नौकरी देने की मांग की।

शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस सरकार के 57 हजार सरकारी नौकरियां देने के मुख्यमंत्री के दावे को सदन को गुमराह करने वाला बताते हुये कहा कि पिछले तीन सालों में दी गई नौकरियों की वास्तविक संख्या सिर्फ 33 हजार है ।

शिअद विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने प्रेस लाउंज में पत्रकारों से कहा कि सरकार ने पिछले तीन सालों में सिर्फ 33 नौकरियां दी हैं तथा 24 हजार कर्मचारियों की ठेके पर भर्ती की है, जिनकी सेवाओं को किसी भी समय समाप्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री की घर घर नौकरी योजना के तहत 12 लाख नौकरियां देने के वादे की हवा निकल गई है तथा यह संख्या सिर्फ 33 हजार नौकरियों तक ही रह गई है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना वायरस का डर दिखाकर युवाओं को स्मार्ट फोन देने की जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। सरकार युवाओं को स्मार्ट फोन देने पर अब तक बहाना लगाकर टालती आ रही थी । उसने स्कीम बंद कर दी है।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल के भाषण पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की तथाकथित उपलब्धियां बढ़ा चढ़ाकर बताई हैं । सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री उन चीजों के बारे में बातें कर रहे थे, जो सिर्फ कागजों पर ही हैं। जिस तरह बड्डी तथा डैप्पो योजनाओं ने स्पष्ट कर दिया कि कैप्टन सिंह आदर्श मुख्यमंत्री नहीं ।

अकाली दल ने छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने में की जा रही देरी की निंदा करते हुए कहा कि छठे वेतन आयोग को लागू करने में तीन साल की देरी हो जाएगी। सरकारी कर्मचारियों को वादे के अनुसार न तो डीए बकाया दिए जा रहे हैं तथा न ही उन्हे नियमित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि पिछले एक साल से बकाया पड़े फसली मुआवजा तथा 700 से 800 करोड़ रूपए के गन्ना उत्पादकों के बकाया जारी करने के लिए कोई रूप रेखा तैयार नहीं की गई है ।

शर्मा

वार्ता

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