भोपाल, 22 सितंबर (वार्ता) वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विख्यात वकील कपिल सिब्बल ने मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए आज दावा किया कि उसने (सीबीआई ने) उच्चतम न्यायालय में झूठा हलफनामा दायर किया है।
श्री सिब्बल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा व्यापमं घोटाले को लेकर यहां की विशेष अदालत में दायर परिवाद की सुनवाई के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए यह दावा किया। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई, मध्यप्रदेश का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और विशेष जांच दल (एसआईटी) 'सीएम' को बचा रहे हैं। इसके लिए सीबीआई, एसटीएफ और एसआईटी ने षड्यंत्र किया।
उन्होंने दावा किया कि सीबीआई ने सीएफएसएल, अहमदाबाद में एक हार्ड डिस्क की जांच कराई उसकी रिपोर्ट उसे 29 दिसंबर 2016 को मिली। उससे पहले ही सीबीआई नवंबर 2016 में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दे चुकी थी कि सीएफएसएल की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ भी नहीं है। सीबीआई ने झूठा हलफनामा पेश किया।
श्री सिब्बल ने दावा किया कि व्यापमं घोटाले से जुड़ी एक हार्ड डिस्क का जो मूल डाटा है, उसमें अनुशंसा करने वालों में 48 स्थान पर 'सीएम' का जिक्र आया है। इसमें 'सीएम' के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, मिनिस्टर-1, 2 और 3 का भी जिक्र है।
उन्होंने दावा किया कि यह हार्ड डिस्क 17 जुलाई 2013 को इंदौर पुलिस ने अपने कब्जे में ली, लेकिन इसे 18 जुलाई को शाम साढ़े चार बजे भोपाल में जब्त करना बताया गया। यही हार्ड डिस्क 18 जुलाई को शाम 4़ 20 बजे इंदौर में कम्प्यूटर विशेषज्ञ प्रशांत पांडे के पास थी, जो पुलिस उनके पास उसका डाटा डाउनलोड कराने ले गई थी। इसका डाटा श्री पांडे के कम्प्यूटर में आ गया। इसके बाद पुलिस ने डाटा में फेरबदल कर 'सीएम' का नाम हटाया, लेकिन सुश्री भारती का नाम नहीं हटाया।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जो झूठा हलफनामा दिया उसके बाद कोई चारा नहीं रहा तो श्री सिंह ने यह परिवाद दायर किया है। प्रशांत पांडे के कम्प्यूटर में जो 'ओरिजनल' डाटा डाउनलोड हुआ था, उसे भी आज अदालत में पेश किया है।
श्री सिब्बल ने कहा कि मध्यप्रदेश के ई-टेंडरिंग में हुए घोटाले के खिलाफ भी वे मामला दर्ज कराएंगे।
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ वकील विवेक तनखा भी मौजूद थे।