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विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की होगी परीक्षा, बाकी होंगे प्रोन्नत: डॉ0 शर्मा

लखनऊ, 16 जुलाई(वार्ता)उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों तथा डिग्री कॉलेजों में स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने तथा अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन किये जाने का निर्णय लिया है।
उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने गुरूवार को यहां बताया कि विश्वविद्यालयों तथा डिग्री कॉलेजों में स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने तथा अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के स्नातक में प्रथम तथा द्वितीय और परास्नातक में प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन व पिछली कक्षा में मिले अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। वहीं स्नातक तृतीय वर्ष और परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं होंगी। परीक्षाएं ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों मोड में होंगी।
उन्हाेंने बताया कि परीक्षा का समय कम होगा और बहुविकल्पीय प्रश्न भी पूछे जा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के विश्वविद्यालय 23 जुलाई तक अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा का कार्यक्रम तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग को सौंपेंगे। इसके साथ ही 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन कराने का भी निर्देश दिया गया है। इसके बाद 15 अक्टूबर तक स्नातक अंतिम वर्ष और 31 अक्टूबर तक स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित करने का भी निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष के छात्रों की ऑफ़लाइन परीक्षा कोविद 19 के सख्त प्रोटोकॉल को अपनाने के साथ आयोजित की जाएगी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि जो छात्र वैध कारणों से अंतिम वर्ष की परीक्षा में उपस्थित नहीं हो सकेंगे, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा, जबकि प्रथम और दूसरे वर्ष के छात्रों को, जिन्हें पदोन्नत किया जाएगा, वे बाद में भी परीक्षा में उपस्थित हो सकते हैं। यदि उन्हें लगता है कि औसत प्रतिशत अच्छा नहीं था।
उन्हाेंने कहा कि पहले वर्ष या सेमेस्टर के छात्रों को पदोन्नत किया जाएगा और अगले सेमेस्टर या दूसरे वर्ष की परीक्षा के अंक उनके पदोन्नत वर्ष का औसत अंक होगा।
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर छात्रों के स्वास्थ्य व सुरक्षा सिद्धान्तों के साथ उनको पारदर्शी एवं समान अवसर को महत्व देने की योजना तैयार की है। इसके लिए शैक्षणिक विश्वसनीयता, व्यवसाय का अवसर और वैश्विक स्तर पर छात्रों के भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित किया जाएगा। इस संकट में भी छात्रों के शैक्षिक मूल्यांकन तथा परीक्षा में प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास एवं संतुष्टि का भाव उत्पन्न करने के साथ क्षमता, प्रदर्शन, विश्वसनीयता को वैश्विक स्वीकार्यता पर प्रतिबिंबित करने की तैयारी है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) की गाइडलाइन्स में सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं के लिए सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित कराने के बारे में कहा गया है। यूजीसी की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के एग्जाम ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों तरीकों से आयोजित किए जा सकते हैं। यूजीसी की गाइडलाइन में कहा है कि बैक-लॉग वाले छात्रों को परीक्षाएं अनिवार्य रूप से देनी होंगी।
भंडारी
वार्ता
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