अजमेर 24 जुलाई (वार्ता)राजस्थान के अजमेर में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूख अब्दुल्ला ने एक बार फिर कहा है कि वतन को बचाने के लिये कश्मीर मुद्दे का हल निकालना जरुरी है और यह पाकिस्तान के बिना नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ये दोनों देशों के बीच ' नासूर ' बन गया है।
श्री अब्दुल्ला अजमेर शरीफ में अपनी 24घंटे की यात्रा के बाद लौटने से पहले स्थानीय सर्किट हाउस में “यूनीवार्ता” के साथ विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के वजीरे आजम मुसीबत में हैं, 70 साल से एक ही लडाई लड रहे हैं। हिन्दुस्तानी मर रहे हैं, पाकिस्तानी कश्मीरी मर रहे हैं। सुरक्षा पर बेतहाशा खर्च किया जा रहा है, मुल्क कब तक बर्दाश्त करेगा। मुल्क को बनाने के लिये रिश्ते - दर - रिश्ते खराब हो रहे हैं।
डा. अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर देश पंडित जवाहरलाल नेहरु से लेकर नरेन्द्र मोदी तक कहीं नहीं पहुंचा। समस्या कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है। ताशकंद में लालबहादुर शास्त्री ने प्रयास जरुर किये, तब समझौता हो भी जाता लेकिन नहीं हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त भी रास्ता निकल सकता था पर ऐसा नहीं हो पाया। अब कश्मीर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास स्वागत योग्य है। उन्होंने मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि वे मजबूत हैं, देश उन्हें मानता है, उनमें बहादुरी है, उन्हें आगे आकर कौशिश करनी चाहिए, परिणाम जरूर सामने आयेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि - ' दोस्त बदले जा सकते हैं , पर पडौसी नहीं बदला जा सकता।'
एक सवाल के जवाब में श्री अब्दुल्ला ने कहा है कि - कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच। इसके लिये मोदीजी को संसद में सफाई देनी चाहिए लेकिन मैं यह जानता हूं कि - बिना बातचीत के हल नहीँ निकलेगा और युद्ध से तो बिल्कुल नहीं निकलेगा । इसके लिये पाकिस्तान से बात करनी ही होगी , उसमें ही सबका फायदा है और पाकिस्तान के साथ बैठकर ही रास्ता निकाला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम चन्द्रयान जैसे करिश्मे कर रहे हैं लेकिन 70 साल में देश से भूखमरी, बीमारी , बदहाली दूर नहीं कर पायें । अगर हम आगे बढ़ना चाहते हैं तो अनेकता को मजबूत करना पड़ेगा । उन्होंने कहा कि रूपया नीचे जा रहा है , बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है , किसान आत्महत्या कर रहे हैं , पानी की बेतहाशा समस्या है। यदि हम आगे बढ़ना चाहते हैं तो देश के पैसों को जनता के लिये खर्च करें , उनकी उन्नति पर खर्च करें । राजस्थान से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोकने सम्बन्धी प्रयासों के सवाल के जवाब मे उन्होंने कहां कि - 'पानी रोकना , भगवान के खिलाफ है' और यदि यहां से कोई इस तरह का कदम उठाया जाता है तो फिर हम युद्ध की ओर बढ़ेगे।
डा. अब्दुल्ला ने चौबीस घंटों के दौरान दरगाह जियारत के अलावा बीते कल जौहर व मगरीब तथा आज सुबह फजर की नमाज भी अता की। सर्किट हाउस में प्रदेश कांग्रेस के सचिव महेन्द्र सिंह रलावता तथा कांग्रेसी रणजीत मलिक ने उनका स्वागत किया। डा. अब्दुल्ला ने राजस्थान में चुनाव के बाद हालातों पर चर्चा भी की और 25 सीटें हारने पर फीडबैक लिया।