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वन्यप्राणियों को पीने का पानी मुहैया कराने में जुटा प्रशासन

पन्ना, 27 मई (वार्ता) भीषण गर्मी के बीच मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में वन्यजीवों को पीने के लिए पानी मुहैया कराने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं।
टाइगर रिजर्व के लगभग 576 वर्ग किलोमीटर वाले कोर क्षेत्र में प्रत्येक दो से चार वर्ग किलोमीटर के दायरे में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पार्क प्रबन्धन ने अनेक प्रयास किए हैं। जल संकट वाले इलाकों में पुराने सूख चुके जल श्रोतों को चिह्नित कर वहां पर खुदाई करने से वे पुनर्जीवित हो उठे हैं। इन जलश्रोतों में प्राकृतिक रूप से पानी आ
जाने से अब हिनौता और पन्ना वन परिक्षेत्र के वन्य प्राणियों को पानी की तलाश में भटकना नहीं पड़ रहा है।
पार्क प्रबंधन के अनुसार जिन स्थानों में ऐसे श्रोत विकसित नहीं हुए हैं, वहां टैंकरों से गड्ढों को भरकर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। रिजर्व क्षेत्र के वन्य प्राणियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। केन नदी के दोनों तरफ फैले पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते 10 वर्षों के दौरान वन्य प्राणियों की संख्या में तेजी से वृृद्धि हुई है। मौजूदा समय रिजर्व में बाघों का भरा पूरा कुनबा पूरे इलाके में स्वच्छन्द रूप से विचरण करता है। अन्य प्राणियों में तेंदुआ, हाइना, सोनकुत्ता, सियार के साथ शाकाहारी वन्य प्राणी सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, जंगली सुअर
आदि बहुतायत से पाये जाते हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी उत्तर से दक्षिण की ओर लगभग 55 किलोमीटर की लम्बाई में बहती है। लेकिन भौगोलिक क्षेत्र विशिष्ट प्रकार का होने से वन्य प्राणियों को पेयजल की कमी अप्रैल और मई के महीने में होने लगती थी। इस समस्या के मद्देनजर पार्क प्रशासन ने पिछले वर्षों में वन्यजीवों को पानी मुहैया कराने के लिए अनेक प्रयास किए और इनकी बदौलत अब वन्यजीवों को इस भीषण गर्मी में भी भरपूर पानी मिल रहा है।
सं प्रशांत
वार्ता
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