जयपुर 25 सितम्बर (वार्ता) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर ऋणभार बढ़ाकर खजाना खाली छोड़ने के आरोप को झूठा और बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि वास्तविकता यह है कि श्रीमती राजे ने राजस्थान को कर्ज में डुबो दिया है।
श्री गहलोत ने आज अपने बयान में यह आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के समय राज्य पर वर्ष 2012-13 में 1,17,809 करोड़ रुपये का कर्ज भार था, आज उससे दोगुने से भी अधिक कर्ज राज्य की जनता पर डाल दिया गया है। वर्ष 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार राज्य पर ऋण भार उदय योजना सहित 3,08,033 करोड़ रुपये माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि कांग्रेस सरकार ने राज्य का खजाना खाली कर दिया, जो असत्य और भ्रामक है। हकीकत में कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2012-13 में 3451 करोड़ रूपये का राजस्व अधिशेष छोड़ा था जबकि वर्ष 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार भाजपा सरकार का उदय योजना सहित 17454 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा है।
उन्होंने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबन्धन से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय राज्य सरकार के राजकोषीय घाटे को एफआरबीएम अधिनियम के तहत निर्धारित जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा के अंदर ही नियंत्रित रखा गया था। वित्तीय कुप्रबन्धन के कारण राज्य के राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने में भी राजे सरकार विफल रही है। वर्ष 2016-17 के अंत तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.19 प्रतिशत रहा जो निर्धारित सीमा से अधिक है।
श्री गहलोत ने कहा कि श्रीमती राजे के कार्यकाल में राज्य पर कर्ज की लगातार बढ़ोतरी हुई है। उन्हें झूठी उपलब्धियों का ढिंढ़ोरा पीट कर जनता को भ्रमित करने की बजाय वास्तविकता से साक्षात करना चाहिये। इस बार जनता इनके भ्रम जाल में फंसने वाली नहीं है, जैसा कि पिछली बार हुआ। उन्होंने कहा कि यात्रा में झूठी गौरव गाथा गाने की बजाय उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।