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शिअद ने की सीएए में मुस्लिमों को शामिल करने की मांग, कहा, एनआरसी का करेंगे विरोध

चंडीगढ़, 17 जनवरी (वार्ता) केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आज नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) में मुस्लिमों को भी शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि यदि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लाया गया तो वह इसका विरोध करेगा।
पार्टी के विधायक दल नेता शरणजीत सिंह ढिल्लों ने यहां जारी बयान में कहा कि उनकी स्पष्ट मांग है कि सीएए हिंदू, सिक्ख, बौद्धों, जैन, ईसााइयों और परसियों के साथ मुस्लिमों को भी शामिल किया जाए।
उल्लेखनीय है कि सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के में कहा कि उनकी स्पष्ट मांग है कि सीएए हिंदू, सिक्ख, बौद्धों, जैन, ईसााइयों और पारसियों को धार्मिक उत्पीड़न की सूरत में भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
श्री ढिल्लों ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि कांग्रेस भी अफगानिस्तान से आये हजारों सिक्खों को नागरिकता देने का विरोध न कर मुस्लिमों के लिए राहत की मांग करे।
सदन में कांग्रेस और शिअद के रुख के बीच अंतर को लेकर शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने उदाहरण देकर कहा कि यदि तीन खून की बाेतलें हैं और चार मरीज हैं तो हर मरीज को एक-एक बोतल खून देना चाहिए और इस दौरान खून की चौथी बाेतल जुटाने के प्रयास किये जाने चाहिएं, यह शिअद का मानना है लेकिन कांग्रेस का रुख है कि यदि चौथी बोतल नहीं मिलती ताे किसी मरीज को खून न दिया जाये और चारों को मरने दिया जाए।
श्री मजीठिया ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी एनआरसी का विरोध करती है क्योंकि यह आम लोगों को अनावश्यक परेशानियों में डालता है और यदि एनआरसी लागू करने की कोशिश की गई तो पार्टी इसका विरोध करेगी। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान भी याद दिलाने की कोशिश की कि सरकार देश में एनआरसी लाने के बारे में नहीं सोच रही।
महेश
वार्ता
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