लखनऊ 30 मई(वार्ता)उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी शैक्षित कार्यालयों में रोस्टर के अनुसार 50 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग की निदेशक डॉ वन्दना शर्मा ने शनिवार को सभी कुलसचिव राज्य विश्वविद्यालय, क्षेत्रीय उच्य शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य/प्राचार्या, राजकीय/सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय को शासन द्वारा जारी किए गये दिशा आदेशों के अनुसार सरकारी कार्यालयों में कोरोना वायरस (कोविड-19) में कार्य की व्यवस्था के करने के निर्देश दिये है।
उन्होंने कहा कि सभी कुलसचिव राज्य विश्वविद्यालय, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य/प्राचार्या, राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय के सभी कार्यालयों को खोलने की व्यवस्था करेंगे एवं स्वयं कार्यालय में उपस्थित रहे। कार्यालयों में प्रत्येक कार्यदिवस में 50 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। इसके लिए आवश्यकता का निर्धारण करते हुए रोस्टर तय किया जाए। कार्यरत कर्मचारियों का रोस्टर इस प्रकार बना लें कि कर्मी अलटरनेट दिवस में कार्यालय आएं लेकिन इससे शासकीय कार्य में, कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।
शिक्षा निदेशक ने कहा कि कार्यालय में कार्यावधि में सोशल डिस्टेंस एवं अन्य सुक्षात्मक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाए। प्रत्येक कर्मचारी अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर उसका उपयोग करें। कार्यालय आने वाले कार्मिकों के लिए भी समय का आवंटन तीन पालियों में सुबह नौ बजे से सायं पांच बजे तक, सुबह दस बजे से सायं छह बजे तक तथा सुबह 11 बजे से सायं सात बजे तक किया जाय। रोस्टर के अनुसार घर से कार्य सम्पादित कर रहे कार्मिक इस अवधि में अपने मोबाइल एवं इलेक्ट्रोनिक साधनों के माध्यम से कार्यालय के संपर्क में रहेंगे उन्हें आवश्यकता पड़ने पर कार्यालय बुलाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि यह दिशा निर्देश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे जो ऐसी आकस्मिक एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं तथा कोविड-19 की रोकथाम में प्रत्यक्ष भूनिका अदा कर रहे हैं। संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों (हॉट स्पॉट एरियाज) में कार्यालयों को बंद किए जाने के सम्बन्ध में जिला प्रशासन के स्तर से पृथक से निर्णय लिया जायेगा।
भंडारी
वार्ता