नयी दिल्ली, 08 मार्च (वार्ता) केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि किसी भी समाज के उत्थान में महिलाओं की भूमिका असीमित होती है और महिलाओं का सशक्तीकरण शिक्षा के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जा सकता है।
डॉ निशंक ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अवसर पर आयोजित एक वेबिनार में महिला कुलपतियों, प्रोफेसरों एवं शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा कि महिलाएं राष्ट्र की पुरोधा होती हैं और वह सतत विकास और जीवन की गुणवत्ता की कुंजी हैं। उन्होंने कहा, “किसी भी समाज के उत्थान में महिलाओं की भूमिका असीमित होती है। सभी क्षेत्रों में उनका अमूल्य योगदान होता है। मेरा मानना है कि महिलाओं का सशक्तीकरण शिक्षा के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जा सकता है। ”
उन्होंने भारत में महिलाओं के प्रति सम्मान के बारे में कहा,“ भारत में हमेशा से महिलाओं को सम्मान के शिखर पर रखा गया है। 'नारी तू नारायणी' शब्द हमारी परंपरा में गुंजायमान रहा है और यह केवल भारतीय संस्कृति ही है जहां महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। मेरी समझ आपको अन्य किसी संस्कृति में नारी सम्मान का ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलेगा।”
उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई, ऊदा देवी, सरोजिनी नायडू, लक्ष्मी सहगल जैसी महिलाओं का उदहारण देते हुए कहा कि हमारे देश में महिलाओं ने सभी सामाजिक बन्धनों को तोड़ते हुए खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित किया जो हमारे लिए गर्व करने की बात है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भारतीय अध्ययन के विकास के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने शिक्षण, अनुसंधान और फील्ड एक्शन के माध्यम से महिला अध्ययन के विस्तार के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 159 महिला अध्ययन केंद्रों की स्थापना की है। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने महिला नामांकन अनुपात के बारे में कहा कि महिला सकल नामांकन अनुपात वर्ष 2013-14 में 22.0 से बढ़कर 2018-19 में 26.4 हो गया है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भी चर्चा जिसमें उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एवं उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई सिफारिशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है।
डॉ निशंक ने कहा, “ मुझे उम्मीद है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ, हमारी उच्च शिक्षा की सोच से अधिक से अधिक महिलाओं को आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा,“ वह दिन दूर नहीं, जब भारत फिर से विश्व गुरु कहा जाएगा लेकिन विश्व गुरु बनने की यात्रा लंबी है और मुझे यकीन है कि आप सभी आगे आकर तथा इस यात्रा में अग्रिम पंक्तियों में रहकर भारत का नेतृत्व करेंगी।”
इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, यूजीसी अध्यक्ष प्रो. डी पी सिंह, यूजीसी सचिव प्रो रजनीश जैन, संयुक्त सचिव डॉ अर्चना ठाकुर, जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर, बी पी एस महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुषमा यादव, एमिटी यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. बलविंदर शुक्ला, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की निदेशक प्रो. शालिनी भरत और कई छात्रायें इस अवसर पर मौजूद थीं।
आजाद.श्रवण
वार्ता