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शुद्ध जलापूर्ति के लिये मंथन की आवश्यकता: त्रिवेंद्र

देहरादून 13 अक्टूबर(वार्ता) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को देश के पेयजल अभियंताओं के सम्मेलन में प्रधानमंत्री की मंशा अनुरूप प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो इसके सम्बन्ध में मंथन का आह्वान किया।
देहरादून के एटलांटिस क्लब पंडितवाडी में इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन और देहरादून सेंटर द्वारा आज आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन का श्री त्रिवेन्द्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ करने के साथ विभिन्न तकनीकि पहलुओं पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया। देश के 12 राज्यों एवं विशेषज्ञों द्वारा जल संरक्षण एवं स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर मंथन के लिये हुये सम्मेलन में उन्हों कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच साल में हर घर में जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हर घर तक शुद्ध जल पहुंचे इसके लिए इंजीनियरों को मंथन करने की जरूरत है कि कैसे पानी की बचत हो और कैसे बेहतर इस्तेमाल किया जा सके। आज सेमिनार में विषय विशेषज्ञ एक दूसरे के साथ अपने अनुभवों को सांझा करेंगे। जिसके भविष्य में अच्छे परिणाम मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि जल का कैसे बेहतर तरीके से संरक्षण और पूर्ति हो, इसके लिए लोगों में भी जागरूकता लाने की जरूरत है। जल संचय का सबसे अच्छा तरीका बारिश के पानी का एकत्रीकरण है। ‘रेन वाटर हार्वेस्टिंग’ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में पूर्ण ग्रेविटी का जल मिल सके, इसके लिए सौंग, सूर्यधार और मलुढूंग बांध पर कार्य किया जा रहा है। सौंग बांध का कार्य शुरू होने से 350 दिनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। सूर्यधार डेम पर कार्य प्रारम्भ हो गया है। इससे 29 गांवों को ग्रेविटी वाटर उपलब्ध होगा। पंचेश्वर बांध बनने से ऊधमसिंह नगर एवं चम्पावत के तराई क्षेत्र में ग्रेविटी का पेयजल उपलब्ध होगा।
इस अवसर पर अपर सचिव उदयराज सिंह, इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के.के. सौंगरिया, गोवा के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता उत्तम पार्सेकर, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, प्रबन्ध निदेशक पेयजल भजन सिंह आदि उपस्थित रहे।
सं. उप्रेती
वार्ता
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