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शुभ लगन में बैंड बाजा बरात पर लगा कोरोना का ग्रहण

शुभ लगन में बैंड बाजा बरात पर लगा कोरोना का ग्रहण

पटना 21 मई (वार्ता) शादी का मतलब ही होता है बैंड-बाजे और धूम-धड़ाके के साथ बारात का आना लेकिन कोरोना महामारी ने विवाह के बंधन में बंधने वाले जोड़ों के अरमानों पर न सिर्फ पानी फेर दिया है बल्कि बैंड बाजा वालों की आजीविका पर भी ग्रहण लगा दिया है।

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में लोग भी नियमों का पालन कर सादे ढंग से विवाह कर रहे हैं। लॉकडाउन में बारातों का धूम-धड़ाका, नाचने, गाने पर ग्रहण लग गया है। शादी-ब्याह, निकाह करने के लिए पांच से दस व्यक्ति शामिल हो रहे हैं। ऐसे में बैंड कारोबारियों को भी बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान हुआ है। लॉकडाउन ने शादी की रंगत ही छीन ली है। यार की शादी हो और नागिन डांस पर दोस्तों ने रंग ने जमाया तो ऐसी बारात किस काम की, दुल्हे राजा अपनी दुल्हनियां को लेने आयें और बैंड पर धुन न बजे ‘ले जायेंगे दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे’ वो शादी भी क्या शादी। लॉकडाउन में बिन बैंड बाजा के हो रही शादियां और इस लॉकडाउन की लाठी ने बैंड बाजे वालों की कमर हीं तोड़ दी है। जिस शादी में जीजा-फूफा का बारात में बीच सड़क पर बैंड की धुन पर धमाल न हो भला ऐसे कोई बेरंग बारात जाती है। लेकिन लॉकडाउन में सबकुछ सूना हो गया है। न बरात है और न बैंड बाजे वाले हैं। लॉकडाउन में बैंड वालों की ही बैंड बज गई है।

इस वर्ष 14 अप्रैल को खरमास खत्म होने के बाद से शादी-विवाह का सीजन चल रहा है। पटना सिटी, करबिगहिया, फुलवारी, दानापुर में पटना के कई नामी बैंड बाजे वालों की दुकान हैं, जो आज लॉकडाउन की वजह से बंद हैं। इसी सीजन से होने वाली कमाई से उनके सालभर का इंतजाम होता है लेकिन लॉकडाउन से खाने के लाले पड़ गये हैं। पटना जिले में करीब 200 से ज्यादा छोटी- बड़ी बैंड पार्टियां हैं। प्रत्येक बैंड पार्टी में 10 से 30 कलाकार काम करते हैं। एक कारोबारी के पास करीब 30 से 40 बारात, 10 से अधिक धार्मिक कार्यक्रमों के साथ अनेक आयोजनों में बुकिंग की गई थी।

      पटना बैंड एसोसियेशन के अध्यक्ष और न्यू पंजाब बैंड (सुल्तानगंज) के संचालक जम्मू खान ने ‘यूनीवार्ता’ दूरभाष पर बताया कि वर्ष 1942 से वह बैंड कारोबार से जुड़े हुये हैं। उनके पिता स्वर्गीय हनीफ खान ने पंजाब बैंड की नींव रखी थी। पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के पुत्र कीर्ति आजाद की शादी और लालू प्रसाद यादव की पुत्री और पुत्र की शादी समेत कई जानी मानी हस्तियों की शादी में उनके परिवार के बैंड ने शोभा बढ़ाई है। पंजाब बैंड से मिलते जुलते नाम से करीब 100 बैंड पूरे बिहार में हैं ,उन्हें खुशी के उनके बैंड के नाम के सहारे लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं।

     जुम्मन खान ने बताया कि परिवार में बंटवारे के बाद सभी भाई अलग-अलग हो गये और अपनी खुद की बैंड कंपनी बना ली। उनके यहां दो बैच में करीब 20 कलाकार काम करते हैं। 16 अप्रैल से जून तक उनके यहां ग्राहकों ने बुकिंग कर ली थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोगों ने शादी कैंसिल कर दी जिसका प्रभाव हमलोगों पर काफी प्रड़ा है।

पटना बैंड एसोसियेशन के अध्यक्ष ने बताया, “पटना जिले में सुल्तानगंज ,करबिगहिया, पटनासिटी, फुलवारीशरीफ और दानापुर में बैंड व्यवसाय से जुड़ी करीब 200 दुकानें हैं। ऐसा तो हमने पूरी जिंदगी में कभी नहीं देखा था। लगन में कमाये पैसे से साल भर घर का खर्च चलता था, लेकिन आज बैंड पार्टियां चलाने वाले कंगाल हो गए हैं। हमारे पास खुद हीं पैसे नहीं है तो हम कर्मचारियों और कलाकारों को हम कहां से वेतन देंगे ,समझ में नहीं आ पा रहा है। इस शादी के सीजन में सबकुछ चौपट हो गया है। आगे भी जल्द हालात सुधरने की उम्मीद नहीं है।” उन्होंने सभी बैंड कलाकारों और मालिकों के लिये प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग की है।

राजधानी पटना के मशहूर पटना बच्चा बैंड (सुल्तानगंज) के संचालक मोहम्मद ताजिउद्दीन ने बताया, “लॉकडाउन के कारण व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया है। उनके यहां तीन बैच में करीब 50 कामगार और कलाकार जुड़े हुये हैं। हमने शादी के सीजन में अप्रैल से जून तक के लिये शगुन के तौर पर एडवांस ले लिये थे। एडवांस के पैसे हमनें अपने बैंड से जुड़े लोगों को दे दिये। अब जब शादी कैसिल हो गयी तब लोग उनसे एडवांस में दिये गये पैसे मांग कर रहे हैं ,हमारे पास पैसे नहीं है तो भला हम उन्हें कैसे लौटायेंगे।शादियों की बुकिंग कैंसिल होने से लाखो रूपये का नुकसान हो गया है। हमारे यहां जुड़े कामगार और कलाकारों का हाल बेहाल हो गया है। स्कूल वाले बच्चों की फीस मांग रहे हैं ,हमारे पास पैसे हीं नहीं है ,हम उन्हें कहां से फीस दें।”


     सम्राट महाराजा बैंड (करबिगहिया) के संचालक आनंदी राम ने बताया, “उनका बैंड करीब 20 वर्ष पुराना है। उनके यहां करीब 60 लोग जुड़े हुये हैं।उन्होंने बताया कि मई माह भी आधा से अधिक निकल गया है। शादी का सीजन अप्रैल माह से जून तक था। हमने बुकिग कर ली थी लेकिन कोरोना की वजह से सभी बुकिंग कैसिल हो गये। बैंड से जुड़े लोगों पर रोजी-रोटी पर संकट मंडरा गया है। अप्रैल में शुरू होने वाली लगन तीन महीने की होती है। जो इस वर्ष पूरा लग्न लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया।इस सीजन तो कोई काम नहीं हुआ है।”

महाराजा बैंड (फुलवारीशरीफ) के संचालक लड्डन मियां ने बताया कि शादी के सीजन की कमाई से पूरे साल भर का खर्चा चलता था। उन्होंने बताया हमारा कारोबार तो पूरी तरह केवल सीजन पर निर्भर होता है. अप्रेल, मई और जून की बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं जो कि अब दोबारा नवंबर या दिसंबर में ही होंगी। ऐसे में यह सीजन तो पूरी तरह जीरो हो गया है।एक सीजन में 20 से 25 शादियों में बाजा बजाने काम मिल जाता था, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हमारा ही बाजा बज गया है। अब तो नवंबर का इंतजार है। इस चालू सीजन के सभी बुकिंग कैंसिल हो गई है।

      भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि शादी-विवाह की राह में कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है। कोरोना को लेकर 31 मई तक लॉक डाउन की घोषणा की गयी। मई में जिनके घर में शादी-विवाह की तारीख तय की गई है, उनके लिए परेशानियां बढ़ गई है। वर-वधू दोनों पक्ष लॉक डाउन के कारण चिंतित है। उनकी तैयारियां पूरी नहीं हो पा रही है ऐसे में कई ऐसे परिवार हैं जो शादी की तारीख को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिथिला पंचाग के अनुसार अप्रैल माह में शादी या अन्य शुभ काम का मूर्हूत शुरू हुआ। मई में 3, 4, 6, 7, 10, 17, 18, 20, 22 और जून में 7, 10, 11, 17 को शुभ मूहूर्त हैं। वहीं बनारसी पंचाग के अनुसार मई में 1, 2, 4, 5, 6, 7, 8, 10, 12, 17, 18, 19, 23, 24 और जून में 14, 15, 19, 20, 25, 27, 28, 30 में शुभ मूहूर्त हैं। इसके बाद नवंबर और दिसंबर में शुभ मूर्हूत आयेगा।

प्रेम सूरज

वार्ता

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