भारतPosted at: Jan 22 2020 6:00PM शत्रुघ्न चौहान मामले के जारी दिशानिर्देशों में बदलाव के लिए केंद्र ने दी अर्जी
नयी दिल्ली, 22 जनवरी (वार्ता) जघन्य अपराध के गुनाहगारों के फांसी से बचने के लिए कानूनी उपायों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक अर्जी दायर करके शत्रुघ्न चौहान मामले में जारी दिशनिर्देशों में बदलाव का अनुरोध किया है।
गृह मंत्रालय के जरिए दायर अर्जी ने केंद्र ने शत्रुघ्न चौहान मामले में 2014 के दिशानिर्देशों में बदलाव का अनुरोध किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि सजा पाए दोषी की पुनर्विचार याचिका, भूल सुधार याचिका (क्यूरेटिव) और दया याचिका के निपटारे की समय सीमा तय होनी चाहिए। केंद्र की अर्जी में कहा गया है कि कोई राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करना चाहता है तो डेथ वारंट जारी होने के सात दिन के अंदर ही करने की अनुमति दी जानी चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर किसी की दया याचिका खारिज हो जाती है तो उसे सात दिनों के अंदर फांसी दे दी जाए। उसकी पुनर्विचार याचिका या भूल सुधार याचिका का कोई महत्व न हो। अगर राष्ट्रपति दया याचिका खारिज कर देते हैं तो सात दिनों में फांसी हो जानी चाहिए।
केंद्र सरकार ने ये भी मांग की है कि न्यायालय के साथ साथ राज्य सरकार और जेल अधिकारी को भी डेथ वारंट जारी करने का अधिकार दिया जाए। फिलहाल सिर्फ मजिस्ट्रेट ही डेथ वारंट जारी कर सकते हैं।
सुरेश.श्रवण
वार्ता