नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (वार्ता) अर्जुन अवार्ड से सम्मानित भारतीय शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव ने मंगलवार को यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।
केजरीवाल ने महिला विश्व टीम चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के लिए तानिया सचदेव को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। इसके लिए दिल्ली सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा , “ स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए हमने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोली है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने का मकसद स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाने की इच्छा रखने वाले बच्चों की प्रतिभा को निखारने के साथ ही उन्हें स्पोर्ट्स में ग्रैजुएशन की डिग्री देना भी है। मुझे भरोसा है कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को पूरी तरह बनने बाद देश भर से खिलाड़ी दिल्ली आएंगे और दिल्ली का हिस्सा बन जाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने और आपकी टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से दिल्ली समेत पूरे देश को गौरवांवित किया है। शतरंज को दिल्ली के हर घर तक पहुंचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा, ताकि इसकी प्रसिद्धि को वापस लाया जा सके। दिल्ली सरकार इस काम के लिए जो भी मदद चाहिए होगी, वह हर संभव मदद मुहैया कराएगी। उन्होंने तानिया सचदेव से दिल्ली में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए एक प्लान भी तैयार के लिए भी कहा है। अगर वह प्लान पसंद आता है, तो उसे दिल्ली सरकार लागू करेगी।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की तरफ से स्थापित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के उदेश्य के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को स्थापित करने के पीछे हमारा मकसद विश्वस्तरीय खिलाड़ी पैदा करना है। मुझे भरोसा है कि जब यह यूनिवर्सिटी बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगी, तो देश भर से सारे खिलाड़ी दिल्ली आएंगे और वे दिल्ली का हिस्सा बन जाएंगे। ”
उन्होंने कहा , “ बहुत से बच्चे हैं, जो अच्छा खेलते हैं। उनके माता-पिता उन्हें खेलने के साथ ही ग्रैजुएशन पूरा करने के लिए भी कहते हैं। ऐसे में हमारा मकसद है कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में ऐसा बच्चा अपनी पसंद का खेल ही खेलेगा और हम उसे ग्रेजुएशन की डिग्री भी देंगे। अगर वह 12वीं के बाद क्रिकेट खेलना चाहता है, तो क्रिकेट ही खेले, उसे हम क्रिकेट में ग्रैजुएशन देंगे। उस डिग्री पर उस बच्चे को नौकरी मिल जाएगी। यह डिग्री, ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन के बराबर मान्य होगी। डिग्री मिलने की वजह से आम लोग भी यहां आना चालू करेंगे, क्योंकि उन्हें अब ग्रैजुएशन करने की चिंता नहीं होगी।”
आजाद राज
वार्ता