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सिख युवकों की हत्या के जिम्मेवार पुलिस अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाये: बलदेव सिंह

जालंधर,19 फरवरी (वार्ता) पंजाब के नकोदर में 33 वर्ष पूर्व पुलिस फायरिंग में मारे गए चार सिख युवकों के परिजनों ने मंगलवार को सरकार से मांग की है कि गोली चलाने के लिए लिए जिम्मेवार पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
पुलिस फायरिंग में मारे गए रविंदर सिंह के पिता बलदेव सिंह ने अन्य पीड़ित परिवारों सहित मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जालंधर के नकोदर में दो फरवरी 1986 को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पांच स्वरूपों को जला दिया गया था जिससे उपजे तनाव के पश्चात क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने गुरुद्वारा जा रहे उनके लड़कों पर गोलियां चला दी जिसमें चार युवक रविंदर सिंह लितरां, बलधीर सिंह रामगढ़, झिलमिल सिंह गोरसिया और हरमिंदर सिंह की मौत हो गई थी।
श्री सिंह ने आरोप लगाया कि घटना की जांच के लिए तत्कालीन अकाली दल की सरकार ने न्यायमूर्ति गुरनाम सिंह आयोग का गठन किया था जिसने गोलीकांड के लिए कुछ पुलिस अधिकारियों को दाेषी ठहराया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने साल 2001 में गुरनाम सिंह आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की थी लेकिन किसी भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कार्रवाई करने की बजाए दोषी पुलिस अधिकारियों को अकाली दल में शामिल कर लिया।
श्री सिंह ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा मृत युवकों की पहचान करने के बावजूद पुलिस ने शवों का अज्ञात के तौर पर अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने इसके लिए तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इजहार आलम और जिला उपायुक्त दरबारा सिंह गुरू को दोषी ठहराते हुए हत्याकांड में उनकी भूमिका की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि गोलीकांड में तीन युवकों की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी जबकि चौथे युवक को पुलिस ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में गोली मार कर मार डाला।
पीड़ित परिवारों ने मांग की है कि उस हत्याकांड की जांच के लिए स्पेशल जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए। पंजाब सरकार न्यायमूर्ति गुरनाम सिंह आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई रिपोर्ट ले तथा दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाय।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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