भोपाल, 15 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आदिवासी नायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बिरसा मुंडा संघर्ष, कुर्बानी और त्याग के प्रतीक थे। वे कम उम्र में ही अपने सद्कर्मों से भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गए।
श्री कमलनाथ आज यहां बिरसा मुंडा जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर जनसम्पर्क मंत्री पी सी शर्मा उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा ने कम उम्र में ही अपने समाज के उत्थान और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष की राह को चुना था। उन्होंने गुलामी के दौर में अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ हुए आंदोलन में बिरसा मुण्डा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि आदिवासी नायक बिरसा मुण्डा ने अपने विचार और संघर्ष से आदिवासी समाज को नई दिशा और दृष्टि प्रदान की। समाज और देश के लिए जो विचार बिरसा मुंडा के हैं, उन्हे आज युवाओं को समझने और आत्मसात करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर चंद्रप्रभाष शेखर, भूपेन्द्र जैन, रामनिवास रावत सहित अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित थे।
बघेल
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