नयी दिल्ली 26 जून (वार्ता) सरकार ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को प्रभावी बनाने के लिए बाबा कल्याणी रिपोर्ट की कम से कम 15 सिफारिशों पर पूर्णत: या आंशिक रूप से अमल किया गया है और वह आवश्यकतानुसार जल्द ही विस्तृत संशोधन के साथ सदन में एक बार फिर आयेगी।
सदन ने, साथ ही विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) संशोधन अध्यादेश का स्थान लेने वाले संशोधन विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सेज संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने बाबा कल्याणी की रिपोर्ट की पाँच सिफारिशों को विधेयक में पूरी तरह से शामिल किया है, जबकि तीन सिफारिशों को शासकीय आदेश के जरिये 31 जुलाई तक, एक सिफारिश को 15 सितम्बर तक तथा छह सिफारिशों को नियमावलियों में शामिल करके 30 नवम्बर तक अमल में लाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों के अमल में लाये जाने के बाद जरूरत के अनुसार एक बार फिर इस विधेयक में संशोधन किया जायेगा, ताकि अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू निवेशकों को निवेश का बेहतर माहौल मिल सके।
श्री गोयल ने बताया कि अध्यादेश के अमल में आने के बाद सेज में निवेश के छह प्रस्ताव मंजूर किये गये हैं, जिनमें से एक प्रस्ताव को एक-दो रोज पहले ही मंजूरी दी गयी है। उन्होंने सेज की बदहाली और लचर प्रदर्शन के लिए कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की तत्कालीन सरकार के कर ढाँचे को दोषी ठहराया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेज से जुड़े कानून में संशोधन का उद्देश्य घरेलू तथा विदेशी निवेश तथा निर्यात को और बढ़ाना है जबकि विपक्ष ने संशोधन के जरिये इसमें ‘ट्रस्ट या कंपनी’ को भी शामिल करने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये।
बाद में सदन ने रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन के सांविधिक संकल्प को ध्वनिमत से खारिज कर दिया तथा विधेयक पारित कर दिया।