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स्पोर्ट्स साइंस की मदद ली जा रही खेल प्रतिभाओं को निखारने में

भोपाल, 25 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश में खेल प्रतिभाओं को निखारने तथा उनके और बेहतर प्रदर्शन में खेल विज्ञान (स्पोर्ट्स साइंस) की बहुत अहम भूमिका है और इसके मद्देनजर इससे जुड़े विशेषज्ञों की मदद ली जा रही हैं।
राज्य के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक डॉ एस एल थाऊसेन ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि इस प्रयोग के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं और निकट भविष्य में ये साफतौर सभी को दिखायी देंगे। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि खिलाड़ी और प्रशिक्षक काफी मेहनत करते हैं, इसके बावजूद उनकी परफार्मेंस (प्रदर्शन) बहुत बेहतर नहीं रह पाती है। इसकी मुख्य वजह यह है कि प्रशिक्षक और खिलाड़ी खेल विज्ञान के पहुलओं को सामान्यत: नजरअंदाज करते हैं।
एक वर्ष से अधिक समय से संचालक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ थाऊसेन ने कहा कि मान लीजिए कोई एथलीट ही है। खेल विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ एथलीट के प्रदर्शन और मशीनों आदि की मदद से कसौटी पर कसकर यह जान सकेंगे कि उसमें एथलीट के रूप में आगे बढ़ने की क्षमता है भी या नहीं। वह जितना परिश्रम कर रहा है, उसका आउटकम उसके अनुरूप आ भी रहा है अथवा नहीं। विशेषज्ञ की सलाह की मदद से एथलीट अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है। वस्तुत: खेल विज्ञान की मदद से वैज्ञानिक पहलुओं के आधार पर खेल प्रतिभा को निखारकर उसे श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसा करके खिलाड़ी देश और प्रदेश के लिए अधिक से अधिक पदक ला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के प्रदर्शन में उसके आहार और व्यवहार विज्ञान का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है। यदि कोई खिलाड़ी मेहनत बहुत कर रहा है और उसका खानपान वैज्ञानिक आधार पर नहीं हो तो इस स्थिति में भी उसका प्रदर्शन प्रभावित रहता है। इसके अलावा कई खिलाड़ी अभ्यास के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते हैं और मैच आदि में निराश कर देते हैं। इस स्थिति में उन्हें मनोवैज्ञानिक की सलाह की आवश्यकता रहती है। इसलिए उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान खिलाड़ियों को प्रशिक्षकों के साथ ही फिजियोथैरेपिस्ट, मनौवैज्ञानिक और स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट की सुविधा भी मुहैया करायी है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी डॉ थाऊसेन ने कहा कि राज्य में खेल से जुड़ी विभिन्न अकादमियों में खेल विज्ञान विशेषज्ञों की सेवाएं लेना प्रारंभ कर दिया गया है। प्रयास होगा कि निकट भविष्य में इनकी नियमित सेवाएं ली जाएं।
डॉ थाऊसेन ने बताया कि इसके अलावा इस प्रकार के खेलों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया जा रहा है, जिनकी मदद से राज्य की प्रतिभाएं बेहतर प्रदर्शन कर अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश का नाम ऊंचा कर सकें। इन दिनों विभाग महिला फुटबाल को भी ज्यादा प्रोत्साहन दे रहा है। इसके अलावा वेट लिफ्टिंग, घुड़सवारी, निशानेबाजी और गोल्फ आदि खेलों में भी इस राज्य की प्रतिभाएं काफी कुछ कर सकती हैं।
खेल संचालक ने बताया कि खेल और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में और सुधार लाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ ही प्रयास किया जा रहा है कि उनके समेत सभी अधिकारी और कोचेस आदि और अधिक सक्रियता के साथ कार्य करें। वे चाहते हैं कि खेल विभाग का अमला स्वयं भी खिलाड़ियों के बीच रहकर उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करे और साथ ही यह भी देखें कि खिलाड़ी में आगे बढ़ने की कितनी क्षमता है।
भोपाल में स्थित टीटी नगर स्टेडियम परिसर में पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए विकास कार्याें के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि विभाग खेल सुविधाओं को और बेहतर करने के साथ ही इस बात पर भी जोर दे रहा है कि खिलाड़ी 'कैजुअल एटीट्यूड' की बजाए गंभीरता के साथ अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सदैव मेहनत करते रहें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार खेल विभाग के अधीन सत्रह खेल अकादमियां संचालित हैं। इसके अलावा विभिन्न स्टेडियम आदि भी हैं। विभाग प्रतिवर्ष हजारों खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहा है और इनमें से अनेक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित कर चुके हैं।
प्रशांत गरिमा
वार्ता
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