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सुप्रीम कोर्ट ने जरदारी की संपत्तियों का ब्यौरा मंगाया

इस्लामाबाद 25 सितंबर (वार्ता) पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को परिसम्पत्ति मामले में राहत नहीं मिली है। उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व और उनके बच्चों की परिसंपत्तियों का ब्यौरा 15 दिन के भीतर तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश मियां सादिक निसार की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मंगलवार को श्री जरदारी की शीर्ष न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी परिसंपत्तियों का नेशनल रिकानसिलेशन आर्डिनेंस (एनआरओ) मामले में विवरण मांगा है।
शीर्ष न्यायालय ने 29 अगस्त को एनआरओ से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व राष्ट्रपति से पिछले 10 वर्षों का परिसंपत्ति विवरण तलब किया था। इसे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने पास किया था।
सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया “ जरदारी को विरासत में मिली परिसंपत्तियों का विवरण सौंपना चाहिए।”
जियो न्यूज के मुताबिक खंडपीठ के इस निर्देश पर पूर्व राष्ट्रपति के वकील फारुक नाईक ने कहा,“ आप पिछले पांच साल का संपत्ति विवरण मंगा सकते हैं लेकिन कृपया पिछले 10 साल का विवरण न मांगे। कानून केवल पांच वर्ष की अनुमति देता है।’’ शीर्ष अदालत ने हालांकि श्री जरदारी के वकील के अनुरोध को खारिज करते हुए पिछले 10 साल की परिसंपत्तियों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया।
इस पर श्री नाईक ने अनुरोध किया,“ जो बच्चे अलग रहते हैं उनका परिसंपत्ति विवरण अलग से नहीं मांगना चाहिए।” श्री नाईक के इस अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया,“ सभी बच्चे अब स्वतंत्र और प्रौढ़ हैं किंतु बेटियां निकाह होने तक अभिभावकों की देखरेख में रहती हैं।”
शीर्ष न्यायालय की इस टिप्पणी पर श्री जरदारी के अधिवक्ता ने कहा, “ जरदारी आठ मामलों में सह अभियुक्त हैं।”
न्यायाधीश इजाजुल अहसन ने श्री जरदारी के वकील से सवाल किया,“ क्या आपने स्वयं सभी रिकार्ड नष्ट कर दिए हैं।” इस पर अधिवक्ता ने कहा, “ मैंने रिकार्ड की मौजूदगी की तरफ संकेत किया है। इस संबंध में जरदारी से अनुच्छेद 184(3) के तहत शपथपत्र तलब किया गया था।”
श्री नाईक को उत्तर देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ जनता का धन लोगों के कल्याण के लिए होता है उसे हम अनुच्छेद 184(3) के लिए क्यों उपयोग करें। यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है। हम केवल अपनी महत्वाकांक्षा में इजाफा कर रहे हैं।” इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने श्री जरदारी और उनके बच्चों की परिसंपत्तियों का विवरण 15 दिन के भीतर तलब करने का आदेश दिया।
मिश्रा.श्रवण
वार्ता
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