भोपाल, 20 फ़रवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज विधानसभा में कहा कि प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण विधेयक को लागू करने के विषय पर एक समिति गठित की जाएगी, जो मामले के सभी पहलुओं का परीक्षण कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इसके पहले शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दिए जाने वाले 10 फीसदी आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रदेश में इसे लागू करने की मांग की।
इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार इसके लिए एक समिति का गठन करेगी, जो परीक्षण कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने बताया कि समिति के रिपोर्ट के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा।
वहीं विधानसभा में आज सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव के एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने के संबंध में श्री भार्गव के पत्र का परीक्षण किया जा रहा है और आरक्षण दिए जाने की समयसीमा बताना संभव नहीं है।
इसी से जुड़े भाजपा विधायक विश्वास सारंग के एक सवाल के लिखित जवाब में भी डॉ सिंह ने यही बात कही। डॉ सिंह ने कहा कि 124वें संविधान संशोधन के अनुसार 10 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में परीक्षण किया जा रहा है।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने जनवरी में अधिसूचना जारी कर कहा है कि संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। प्रावधान के बाद राज्य को अपने नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर किसी तबके की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति है।