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सूर्य नगरी देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला शुरू

सूर्य नगरी देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला शुरू

औरंगाबाद 11 नवंबर (वार्ता) बिहार में औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला आज से आरंभ हो गया।

लोक मान्यता है कि भगवान भास्कर की नगरी देव में पवित्र छठ व्रत करने एवं इस अवसर पर त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में आराधना करने से सूर्य भगवान के साक्षात दर्शन की रोमांचक अनुभूति होती है और किसी भी मनोकामना की पूर्ति होती है। साम्प्रदायिक सद्भाव की अद्भुत मिसाल इस चार दिनों के छठ मेले को सभी धर्मों के लोग मिल-जुल कर सफल बनाते हैं और भगवान भास्कर की आराधना करते हैं।

औरंगाबाद जिला प्रशासन के अनुसार, देव छठ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं एवं व्रतधारियों के लिये पेयजल, बिजली, सुरक्षा, परिवहन तथा उचित दर पर आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की समुचित व्यवस्था की गयी है।

      भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किये जाने वाले स्थल एवं रुद्र कुण्ड के अलावा पूरे देव की सफाई करायी गयी है ताकि अर्घ्य अर्पित करने के समय किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। इसके अलावा सूर्य कुण्ड में किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचाव के लिये नावों के इंतजाम किये गये हैं।

जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने यहां बताया कि छठ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं एवं छठव्रतियों के लिए पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य, यातायात, सुरक्षा के समुचित प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने बताया कि छठ मेले के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए जगह-जगह दंडाधिकारियों के नेतृत्व में सशस्त्र बल की तैनाती की गयी है।

श्री महिवाल ने बताया कि कार्तिक छठ के अवसर पर त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर को अत्यन्त आकर्षक ढंग से सजाया गया है। देव छठ मेले में देश के विभिन्न प्रांतों तथा राज्य के कोने-कोने से श्रद्धालुओं एवं व्रतधारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। चार दिनों का यह पवित्र अनुष्ठान आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है, जो 14 नवंबर को प्रात: उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित किये जाने के साथ सम्पन्न होगा।


        सुप्रसिद्ध सूर्य तीर्थस्थल देव में कार्तिक छठ व्रत करने आये पूर्वोत्तर भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल, उत्तरांचल एवं बिहार के विभिन्न जिलों के श्रद्धालु छठव्रती महिलाओं ने यहां स्थित पवित्र सूर्यकुण्ड में विशिष्ट स्नान किया और ऐतिहासिक त्रेतायुगीन पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर में सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की। आज के नहाय-खाय के साथ ही देव में लगनेवाला चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला भी आरंभ हो गया है।

वहीं, नहाय खाय के दिन आज छठव्रती महिलाओं ने जिले के विभिन्न इलाकों में स्थित नदियों, तालाबों एवं सरोवरों में अंत:करण की शुद्धि के लिए पवित्र स्नान किया और व्रत के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले बर्तनों की साफ-सफाई की। स्नान-पूजन के बाद छठव्रतियों ने नदी एवं कुएं के जल से शुद्धता के साथ कद्दू-भात का आहार बनाकर ग्रहण किया और प्रसाद स्वरूप अपने परिजनों को खिलाया।

गौरतलब है कि कार्तिक छठ व्रत के दौरान सूर्य नगरी देव आकर छठ व्रत करने की विशिष्ट धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता है। कहा जाता है कि यहां प्रति वर्ष दो बार कार्तिक एवं चैत माह में छठ व्रत के दौरान छठव्रतियों एवं श्रद्धालुओं को सूर्यदेव की उपस्थिति की साक्षात अनुभूति होती है।

प्रेम सूरज

वार्ता

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