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सुलूर हवाई अड्डे से दिल्ली लाए गए सीडीएस जनरल बिपिन रावत और अन्य पीड़ितों के शव

सुलूर हवाई अड्डे से दिल्ली लाए गए सीडीएस जनरल बिपिन रावत और अन्य पीड़ितों के शव

कोयंबटूर, 09 दिसंबर (वार्ता) देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधूलिका रावत और अन्य 11 सेना अधिकारियों के पार्थिव शव गुरुवार सुलूर हवाई अड्डे से नई दिल्ली के लिए भेजा गया। जो बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए थे।

शवों को पहले 13 एम्बुलेंस में कुन्नूर के पास वेलिंग्टन के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर (एमआरसी) से सुलूर हवाई अड्डा लाया गया और फिर वहां से वायु सेना के एक विशेष विमान से राष्ट्रीय राजधानी के लिए भेजा गया, जहां दिल्ली में शुक्रवार को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।

हवाई अड्डे पर कोयंबटूर जिलाधिकारी, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

वायु सेना का विशेष विमान हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 अधिकारियों के पार्थिव शरीर को लेकर नयी दिल्ली के लिए अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर रवाना हुआ।

इससे पहले, एमआरसी में एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन सहित कई मंत्रियों और अन्य ने सीडीएस जनरल रावत और 12 अन्य पीड़ितों को अंतिम विदाई दी।

जनरल रावत के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने एम के स्टालिन ने सेना के अन्य सभी अधिकारियों के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

एयर चीफ मार्शल चौधरी, तीनों सैैन्य सेवाओं के सदस्य और तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सोंदरराजन ने भी हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सेना के अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर फूलों से सुसज्जित कर एक सैन्य वाहनों से एमआरसी परिसर में लाया गया, जहां कई गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

बाद में शवों को कड़ी सुरक्षा के बीच एमआरसी से एंबुलेंस के जरिये सुलूर एयर बेस में लाया गया। जहां 80 किमी की इस दूरी को तय करने में लगभग दो घंटे का वक्त लगा। रास्ते के दोनों तरफ हजारों की तादात में लोग अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लिये खड़े रहे और सेना अधिकारियों के पार्थिव शरीर पर फूल बरसाकर और उनके नाम के नारे लगाकर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।

सुलूर एयर बेस के बाहर भी 'भारत माता की जय' के नारे के साथ लोगों की भीड़ देखी गयी।

अरिजीता, उप्रेती

वार्ता

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