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स्वामी ने चारधाम बोर्ड के गठन को दी चुनौती

नैनीताल 24 फरवरी (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड सरकार के बहुचर्चित चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन को चुनौती दी है। उन्होंने चारधाम के साथ ही 51 अन्य मंदिरों के प्रबंधन को लेकर उत्तराखंड सरकार की ओर से गठित बोर्ड के के फैसले को उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी है।
श्री स्वामी की याचिका सुनवाई के लिये सूचीबद्ध हो गयी है। संभवतः इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
भाजपा नेता इस मामले को लेकर बेहद संजीदा है। इस बात का एहसास इससे लगाया जा सकता है कि खुद श्री स्वामी ने बतौर याचिकाकर्ता इस मामले को चुनौती दी है। यह जानकारी श्री स्वामी के वकील मनीषा भंडारी ने दी है। इससे पहले श्री स्वामी ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट कर इस प्रकरण की जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है और हिन्दुत्व की विचारधारा के खिलाफ है।
श्री स्वामी की ओर से अधिनियम की वैधता को चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का यह कदम अंसवैधानिक है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 और 31ए के तहत प्रदत्त अधिकारों से परे है। याचिका में यह भी कहा गया है कि देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से सरकार की ओर से चारधाम और 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 एवं 26 का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि त्रिवेन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों और मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था। कुछ मंदिरों के पुजारियों ने भाजपा नेता श्री स्वामी से सरकार के इस कदम के खिलाफ गुहार लगायी थी। श्री स्वामी ने तभी इस मामले को चुनौती देने के संकेत दे दिये थे।
रविंद्र.शुभम.संजय
वार्ता
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