नयी दिल्ली 20 सितम्बर (वार्ता) भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिवेशन के इतर बैठक होगी जिसमें करतारपुर साहिब के लिए सिख तीर्थयात्रियों को जाने की इजाजत देने के मुद्दे पर बातचीत होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने श्री खान का प्रधानमंत्री को लिखा पत्र 17 सितंबर को यहां विदेश मंत्री को सौंपा था। उसी के साथ एक अन्य पत्र पाकिस्तानी विदेश मंत्री की ओर से भी श्रीमती स्वराज को दिया गया था जिसमें न्यूयॉर्क में मंत्री स्तरीय बैठक का अाग्रह किया गया था।
श्री कुमार ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और हमने तय किया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक अधिवेशन के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक होगी। बैठक की तिथि और समय दोनों देशों के स्थायी मिशनों के द्वारा आपसी सहमति से बाद में तय किया जायेगा।
इस सवाल पर कि बैठक का विस्तृत एजेन्डा क्या होगा उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ बैठक होनी है, विस्तृत एजेंडा तय नहीं हुआ है। यह पूछे जाने पर कि भारत के पुराने रुख कि अातंक और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकता है, में कोई परिवर्तन आया है, श्री कुमार ने कहा कि यह मुलाकात महज़ एक मुलाकात है, इसे किसी संवाद या वार्ता की शुरुआत नहीं माना जा सकता है। बैठक में क्या बात होती है, जब तय होगा तो उसे देश के साथ साझा किया जाएगा।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पत्र में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) की बैठक के बारे में कहा गया है, इस बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में श्री कुमार ने कहा कि दक्षेस की बैठक को लेकर भारत का पुराना रुख कायम है और यह कई अन्य देशों की भी राय है कि क्षेत्र में आतंक के साये में इस मंच की बैठक के आयोजन के अनुकूल माहौल नहीं है।
करतारपुर साहिब को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में श्री कुमार ने कहा कि इस मुद्दे को 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी द्वारा लाहौर बस यात्रा के दौरान उठाया गया था जिस पर पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया था। बाद में 2004 में 400वें प्रकाश उत्सव के दौरान, 2006 और 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय भी प्रयास किये गये थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष यह मुद्दा उठाया था और उसके बाद तय हुआ कि न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मुलाकात में इस विषय पर चर्चा होगी।
पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की विदेश मंत्री से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात की बात पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि श्रीमती स्वराज ने श्री सिद्धू को अवगत कराया था कि श्रीमती बादल ने उनके संज्ञान में यह बात लायी है और वह इस पर पाकिस्तान से बात करेंगी।
पाकिस्तान के सुरक्षा बलों द्वारा जम्मू कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल के एक जवान को अगवा करके उसकी नृशंस हत्या करने और उसके शव के साथ अमानवीयता बरतने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि इस बर्बर घटना पर बीएसएफ ने पाकिस्तान के समकक्ष कड़ा विरोध व्यक्त किया है। सरकार भी इसे गंभीरता से उठाएगी।
अमेरिकी विदेश विभाग की आतंकवाद को लेकर वैश्विक रिपोर्ट में भारत में आतंकवाद के खतरे और पाकिस्तान की भूमिका स्पष्ट किये जाने का स्वागत करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि इससे क्षेत्र में अातंकवाद की वास्तविक स्थिति का पता चलता है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री मखदूम शाह महमूद कुरैशी के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिवेशन के दौरान बैठक का प्रस्ताव किया था। उन्होंने यह पत्र श्री मोदी के उस बधाई पत्र के जवाब में लिखा था जो उन्होंने श्री खान के प्रधानमंत्री बनने पर भेजा था। श्री मोदी ने इसमें दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की बात कही थी।
सचिन संजीव
वार्ता