नयी दिल्ली 24 सितम्बर (वार्ता) संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद और विधानमंडलों में डिजिटल प्रणाली से कामकाज पर जोर देते हुए कहा है कि इससे पारदर्शिता रहती है और कामकाज में भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहती।
विधानमंडलों के कामकाज को कागज रहित बनाने के लिए शुरू किये जा रहे ई-विधान एप्लीकेशन पर दो दिन की राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा, “ विधानमंडलों के कामकाज से संबंधित सूचना वास्तविक समय में उपलब्ध होनी चाहिए और सूचना यूजर अनुकूल तरीके से मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल तरीके से काम करने से पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में वृद्धि होती है तथा सदन के कामकाज में भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहती।”
उन्होंने कहा कि ई-विधान राज्य विधानमंडलों के कामकाज को कागज रहित बनाएगा और ‘एक राष्ट्र, एक एप्लीकेशन’ से सभी 40 विधानमंडलों को एकीकृत करेगा। इस अवसर पर श्री मेघवाल ने नेवा की नई वेबसाइट लॉन्च की और 200 से अधिक प्रतिनिधियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।
कार्यशाला में विभिन्न राज्य विधानमंडलों के समक्ष ई-विधान लागू करने में आ रही कठिनाइयों पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला का फोकस सभी राज्य विधान पालिकाओं को ई-विधान प्लेटफॉर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और विधान पालिकाओं के कामकाज में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाना है।
संसदीय कार्य सचिव एस.एन.त्रिपाठी ने बताया कि नेवा विकेन्द्रीकृत डिजिटल एप्लीकेशन है, जो विधानमंडलों के दैनिक कामकाज से संबंधित सूचना डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है। नेवा को मानसून सत्र 2018 में राज्यसभा के लिए लाइव किया गया और लोकसभा से संबंधित सूचना अपलोड की जा रही है। पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, सिक्किम, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुद्दुचेरी, मणिपुर की विधानसभाओं ने इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल प्रारम्भ कर दिया हैं। नेवा के रूप में ई-विधान को संसद के दोनों सदनों सहित 40 विधानमंडलों में लागू करने की योजना है।