नयी दिल्ली 16 जुलाई (वार्ता) विपक्षी दलों ने आज कहा कि वे संसद के मानसून सत्र में जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराना चाहते हैं और इसके लिए सरकार को यह सुनिश्चित चाहिए कि दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारु रुप से चले।
संसद में 13 विपक्षी दलाें के नेताओं ने यहां बैठक कर मानसून सत्र के दौरान अपनायी जाने वाली रणनीति तथा इसमें उठाए जाने वाले मुद्दों पर विचार विमर्श किया। बैैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं को बताया कि सभी दलों की इस पर सहमति है कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज होना चाहिए और आम जनता से जुुड़े मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में सरकार के सहयोगी के दलों ने सदनों में कामकाज नहीं होने दिया और संसद नहीं चलने देने का आरोप विपक्ष पर मढ़ दिया गया जबकि वास्तविकता यह है कि सरकार संसद नहीं चलाना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में विपक्ष बेराेजगारी, किसानों की बदहाली, महिला सुरक्षा, पीट पीटकर हत्या, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए जोर देगा। सरकार अगर इन मुद्दों पर चर्चा कराती है तो संंसद का कामकाज सुचारु रुप से चलेगा और विधेयक भी पारित होंगे। उन्होंने कहा, “ये मुद्दे हमारे घर के नहीं है बल्कि जनता के मुद्दे हैं जिनपर संसद में चर्चा होनी चाहिए।”