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संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (वार्ता) तीन पड़ोसी देशाें पाकिस्तान,बंगलादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण यहां आने वाले गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता देने संबंधी विवादास्पद विधेयक, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और किन्नर अधिकार संरक्षण विधेयक समेत 15 विधेयकों को पारित करने के साथ संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चित काल के स्थगित कर दिया गया।
अट्ठारह नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के दौरान नागरिकता विधेयक पर दोनों सदनों में गर्मागर्म बहस हुई तथा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। लोक सभा में करीब नौ घंटे तक चली बहस के उपरांत आधी रात के बाद यह विधेयक पारित किया गया जबकि राज्य सभा में भी आठ घंटे तक चली चर्चा के बाद इसे पारित किया गया।
हैदराबाद में एक महिला को बलात्कार के बाद जला देने तथा उन्नाव में एक बलात्कार पीड़ित युवती को जिंदा जलाये जाने की घटना का मामला दोनों सदनों में जोरशोर से उठा और सभी सदस्यों ने एक स्वर में इस की निंदा की तथा दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
राज्य सभा और लोक सभा में कामकाज क्रमश: 100 और 116 प्रतिशत रहा और इस दौरान उच्च सदन में 15 और निचले सदन में 14 विधेयक पारित किये गये। लोक सभा में 18 विधेयक पेश किये गये। तीन विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक 1987,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानव संसाधन विधेयक 2011 और भारतीय चिकित्सा परिषद(संशोधन) विधेयक 2013 वापस लिये गये।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकों में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 तथा विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सहित कुल 14 विधेयक पारित कराए गये और सदन के कामकाज में 115 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
श्री बिरला ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस अवधि में 18 सरकारी विधेयक पेश किए गये और सदस्यों ने 28 गैर सरकारी विधेयक पुन:स्थापित किए। सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर 28 घंटे 43 मिनट चर्चा चली। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सदस्यों की क्षमता निर्माण की नयी पहल की गयी जिसके तहत सदस्यों के लिए विधायी कार्यों को लेकर नौ ब्रीफिंग सत्र आयोजित किए गये। इसका उद्देश्य सभा के समक्ष महत्वपूर्ण विधायी कार्यों , मुद्दों तथा विधेयक के संबंध में सदस्यों को जानकारी देना होता है। इस दौरान संबंधित मंत्रालय तथा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं।
अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गये और औसतन प्रतिदिन 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिए गये। इसके अलावा प्रतिदिन औसतन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिए गये और 27 नवंबर को सभी 20 तारांकित प्रश्न सदन में लिए गये।
अरविंद.श्रवण
जारी.वार्ता
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