राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 28 2020 10:04PM सड़क सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय वर्चुअल प्रशिक्षणभोपाल, 28 अक्टूबर (वार्ता) सड़क सुरक्षा विषय पर उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति की लीड एजेन्सी पीटीआरआई द्वारा आज एक-दिवसीय वर्चुअल ट्रेनिंग यातायात के अधिकारी/कर्मचारी को दी गई, जिसमें आरक्षक, प्रधान आरक्षक, उप निरीक्षक, सूबेदार स्तर के प्रशिक्षाणार्थी जिला बल से शामिल हुए।प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में अति पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई द्वारा सड़क सुरक्षा के संबंध में सुप्रीम कोर्ट कमेटी द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के संबंध में संवेदनशीलता से अवगत कराया गया। इन्हें क्रेश इंवेस्टिगेशन ब्लैकस्पॉट, सड़क दुर्घटना के विभिन्न कारणों के विषय के बारे में जानकारी दी गई।प्रशिक्षणार्थियों से भी उनके दृष्टिकोण में सड़क दुर्घटना के विभिन्न कारणों के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रश्न किये गये, जिसका जवाब उन्होंने संवेदनशीलता से दिया। अधिकांश लोगों का कहना था कि सड़क दुर्घटना में प्रमुख कारण रोड या मोड़ की गलत संरचना (इंजीनियरिंग) और ट्रेफिक के नियमों का पालन नहीं करना है। कुछ का यह भी कहना था कि वाहन का गलत दिशा में ओवरटेक, वाहन वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करना और हेलमेट न पहनना शराब का सेवन कर गाड़ी चलाना ओवरलोडिंग, गाड़ी की फिटनेस खराब होना आदि सड़क दुर्घटना को आमंत्रण देने के लिये प्रमुख कारण हैं।जिला विदिशा से सूबेदार नरेन्द्र त्रिपाठी और उनकी टीम, जिला शाजापुर से आरक्षक अशोक को सड़क दुर्घटना के कारणों के संबंध में सटीक जानकारी देने पर इनाम का हकदार बनाया गया, जिलों में घटित सड़क दुर्घटना एवं उसमे होने वाली मृतक संख्या एवं घायलों की संख्या की वर्ष 2019-20 की तुलनात्मक स्थिति से अवगत कराया गया, जिनके परिणाम उत्कृष्ट थे उनकी हौसला अफजाई की गई, जो सड़क दुर्घटना को कम करने के लक्ष्यों को प्राप्त न कर सके उन्हे सुधार के लिये प्रोत्साहित किया गया।साथ ही समझाइश दी गई कि सड़क दुर्घटना को कम करने की दिशा में वे अकेले नही है, नोडल एजेन्सी उनके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करेगी। वे उनसे समन्वय बनाकर दुर्घटना से संबंधित कारणो को वैज्ञानिक व तकनीकी दृष्टि से सही करवायें। यदि ब्लैकस्पॉट बनता है तो उसके निराकरण के लिये संबंधित नोडल विभाग से सतत् सम्पर्क रखते हुए कार्यवाही सुनिश्चित करवाने का प्रयास अपने वरिष्ठ अधिकारी के माध्यम से करे।वर्चुअल ट्रेनिंग के दूसरे सत्र में सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक शरद दुबे द्वारा ''सड़क दुर्घटना के मामलों में विवेचक द्वारा अनुसंधान कैसे करें एवं विवेचना के दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिये'' के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। उपस्थितों को सड़क दुर्घटना के संबंध में विवेचना करने के मापदण्डो को जो सड़क दुर्घटना से संबंधित अपराध बनता है, उसके साक्ष्यों को बारीकी से एकत्रित करना, आरोपियों एवं साक्षियो से पूछताछ, वस्तु स्थिति को विवेचना में लाना और प्रकरण का चालान मजबूती से न्यायालय में प्रस्तुत करना।वर्चुअल ट्रेनिंग लीड एजेन्सी पीटीआरआई की प्रशिक्षण शाखा द्वारा आयोजित कराई गई। ट्रेनिंग में ट्रेनिंग प्रभारी ज्योत्सना सिंह, उप निरीक्षक राखी मौर्य और पूजा त्रिपाठी उपस्थित थीं।बघेल वार्ता